अहमदाबाद। गुजरात के बारे में अब तक ये धारणा थी कि यहां के अधिकतर लोग शाकाहारी हैं, लेकिन जो आंकड़े निकलकर सामने आए हैं उसके अनुसार गुजरात के हर पांच में से दो लोग मांसाहारी हैं। सिंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) से लिए गए आंकड़े पर 2014 में जो सर्वे प्रकाशित किए गए थे, उसे जारी करते हुए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) ने कहा कि गुजरात की 61.80 फीसद आबादी...
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पिछले 16 साल से कोई भी SC नहीं बना सुप्रीम कोर्ट का जज
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन के 11 मई, 2010 को रिटायर होने के बाद, अनुसूचित जाति के किसी भी जज को सुप्रीम कोर्ट का जज नहीं बनाया गया है। साथ ही, वर्तमान के सभी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों में कोई भी अनुसूचित जाति से नहीं है, जबकि देश की कुल जनसंख्या का 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति में आता है। अनसूचित जनजातियों की स्थिति भी ऐसी ही है। पिछले...
More »बेरोजगारी बढ़ने के सबब-- अरविन्द जयतिलक
पिछले दिनों प्रकाश में आई ‘एस्पाइरिंग माइंड्स' की ‘नेशनल इम्पालयबिलिटी रिपोर्ट' चिंतित करने वाली है। यह रिपोर्ट बताती है कि इंजीनियरिंग डिग्री रखने वाले स्नातकों में कुशलता की कमी है और उनमें से करीब अस्सी फीसद स्नातक रोजगार के काबिल नहीं हैं। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट देश भर के साढ़े छह सौ से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों के तकरीबन डेढ़ लाख इंजीनियरिंग छात्रों पर किए गए अध्ययन पर आधारित है।...
More »सबलीकरण के सामने-- नीलम कुमारी
धर्म और आस्था प्रधान देश भारत में स्त्री के व्यक्तित्व की परिभाषा आज भी सटीक नहीं बताई जाती। धर्म में देवीस्वरूपा है वह। आस्था है कि वह शक्ति का अक्षय स्रोत है। पुरुष प्रधान समाज ने ही यह संज्ञा दी है। लेकिन मनुष्य रूप में वह क्या है- इसका कोई स्पष्ट उत्तर नहीं। हर उत्तर किसी जालीनुमा कवच की तरह लगता है, जिसकी फांकों से पुरुषवादी षड्यंत्र की झलक गाहे-बगाहे...
More »देश के बुजुर्ग: घटती सरकारी सहायता और बढ़ती आबादी
बात चाहे जितनी हैरतअंगेज लगे लेकिन तथ्य यही है कि देश में एक तरफ बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी तरफ उनकी मदद के लिए किए जा रहे सरकारी प्रयासों में कमी आई है. बुजुर्गों की हालत पर हाल में जारी एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक देश में साठ साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों की आबादी 2001 के 7.4 फीसद से बढ़कर 2011 में 8.6 फीसद हो गई है...
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