नई दिल्ली/भोपाल. एक सप्ताह के अंदर ही केंद्र सरकार को फैसला लेना है कि बीटी बैंगन जैसी जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) फसलों (जिनकी जीन संरचना में बदलाव किया गया है) की देश में खेती की अनुमति देनी है या नहीं। इस फैसले से जहां एक ओर उपज में बढ़ोतरी से किसानों को फायदा होने की उम्मीद है, वहीं जीएम खाद्य पदार्थो से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने की आशंका भी जताई जा रही है। क्या तेजी से...
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नैनो परियोजना क्षेत्र पर खेती शुरू
सिंगूर। पश्चिम बंगाल के सिंगूर में टाटा की लखटकिया नैनो कार परियोजना लगने से पहले ही उखड़ जाने के बाद अब वहां स्वेच्छा से जमीन देने वाले ज्यादातर किसानों ने परियोजना क्षेत्र की अपनी जमीन पर खेती फिर शुरू कर दी है। किसान काफी समय तक इस उम्मीद में अपने पारंपरिक पेशे से दूर रहे कि सिंगूर से हटने की टाटा समूह की घोषणा के मद्देनजर वहां औद्योगीकरण के लिए कोई सार्थक पहल होगी।...
More »लोकतंत्र पर भारी पड़ी भूख की लड़ाई
दाउदनगर (औरंगाबाद) झारखंड के मजदूरों को राजनीति से कोई मतलब नहीं रह गया है। यहां जिनोरिया में कृषि कार्य करने पलामू और गढ़वा जिला से दर्जनों मजदूर आए है। उन्हे इससे भी कोई मतलब नहीं है कि झारखंड की राजनीति क्या हो रहा है। उन्हें बस अपने पेट की चिंता है। छतरपुर के रामपति भुईयां कहते है कि घर दुआर हइए नहीं है, खपरैल है, जैसे तैसे रहते है। चुआड़ी बनाकर बरसात का पानी पीते...
More »बीटी बैंगनः लड़ाई अब अंतिम दौर में
देश में बीटी बैंगन उगाने की अनुमति को लेकर बहस अब तेज हो गई है। बहुराष्ट्रीय कंपनी मोनसांटो और उसकी भारतीय साझेदार मायको इसकी तरफदारी कर रही हैं। तो स्वयंसेवी संस्थाएं व स्वतंत्र वैज्ञानिक इसका विरोध। दावों और विरोध का आधार क्या है? वैज्ञानिक सबूत क्या हैं? ऐसे में बीटी कॉटन का पिछले आठ साल का प्रदर्शन ही क्या बीटी बैंगन को उगाने की अनुमति का आधार हो सकता है? गुजरात: बीटी कॉटन से छाई खुशहाली बीटी...
More »सेज बनाम बनाम विस्थापन- तमिलनाडु में जन-सुनवाई
तमिलनाडु में १३९ सेज यानी विशेष आर्थिक क्षेत्र अपनी मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं और तमिलनाडु के कई संगठन इन विशेष आर्थिक क्षेत्रों की जरुरत और प्रभावकारिता की जांच के लिए एक जनसुनवाई का आयोजन कर रहे हैं।। जनसुनवाई २४ अक्तूबर से २६ अक्तूबर तक जाने माने अर्थशास्त्रियों, सामाजविज्ञानियों, पत्रकारों और नौकरशाहों की मौजूदगी में होगी। जन-सुनवाई में भागीदारी के लिए नागरिक संगठनों ने मीडियाकर्मियों को सहर्ष आमंत्रित किया...
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