-बीबीसी, कुछ महीनों पहले की बात है. ईरान में अभूतपूर्व सूखे और बारिश की कमी की वजह से नदियाँ सूख गईं. पूरे देश में पानी की कमी को लेकर भीषण विरोध प्रदर्शन हुए. साल 2019 में भारत के सबसे बड़े शहरों में से एक चेन्नई का पानी संकट अख़बारों की सुर्खियां बना. उस वक़्त बहस छिड़ी कि बढ़े उद्योग, शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन का असर किस तरह का कहर बरपा सकता है. साल 2018 में भीषण सूखे की वजह...
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जलवायु परिवर्तन है क्या, आसान शब्दों में समझें
-बीबीसी, मानवीय गतिविधियों और क्रिया-कलापों के कारण दुनिया का तापमान बढ़ रहा है और इससे जलवायु में होता जा रहा परिवर्तन अब मानव जीवन के हर पहलू के लिए ख़तरा बन चुका है. अगर इस पर ग़ौर नहीं किया गया और इसे यूं ही छोड़ दिया गया तो आने वाले समय में तापमान इस क़दर बढ़ जाएगा कि मानव जीवन पर संकट आ सकता है, भयावह सूखा पड़ सकता है, समुद्री जल...
More »हीरा ज़रूरी या जंगल: 55,000 करोड़ वाली हीरे की ख़दानों की पड़ताल
-बीबीसी, एक डरावना सा जंगल कैसा होता है, सिर्फ़ किताबों में पढ़ा था और डिस्कवरी चैनल पर ही देखा था. कहानियाँ भी सुनी थीं, उनकी- जिनकी ज़िंदगी में इस जंगल के सिवा कुछ नहीं होता. एक दोपहर सन्नाटे को चीरते हुए उस घने जंगल में सागौन के दरख़्तों से निकलकर थोड़ी रोशनी में पहुँचे तो फटे-पुराने कपड़े पहने हुए एक व्यक्ति को कुछ पत्तियाँ और टहनियाँ बीनते हुए पाया. पता चला वो भगवान दास...
More »अनहेल्दी सीक्रेट्स - क्यों जरूरी है पीएम केयर्स फंड की जांच
-कारवां, आजादी के बाद देश के सभी बड़े शहरों में पाकिस्तान से आने वाले हिंदू और सिख शरणार्थियों की संख्या हर बीतते दिन बढ़ रही थी. जवाहरलाल नेहरू उस समय देश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री थे और उनके आधिकारिक आवास तीन मूर्ति भवन में भी लोगों की भीड़ लगी रहती. नेहरू के निजी सचिव रहे एम. ओ. मथाई अपनी किताब रेमनिसंस ऑफ दि नेहरू ऐज में नेहरू की एक आदत...
More »आईईए रिपोर्ट की चेतावनी, जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए स्वच्छ ऊर्जा निवेश करने में दुनिया बहुत पीछे
-न्यूजक्लिक, IEA (इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी) ने 13 अक्टूबर को प्रकाशित अपने 'वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक' 2021 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में इस महीने के अंत में होने वाली संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) की बैठक से पहले एक चेतावनी संदेश प्रकाशित किया है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक उत्सर्जन को शुद्ध-शून्य स्तर प्राप्त करने के लिए निरंतर गिरावट में डालने के लिए दुनिया बहुत पीछे है। आईईए ने अपनी रिपोर्ट में...
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