इंदौर, 6 जुलाई (एजेंसी)। देश में 2011 के दौरान पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतें मिलने के मामले में सूबों और केंद्र शासित प्रदेशों की फेहरिस्त में दिल्ली अव्वल रहा, जबकि उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश इस सूची में क्रमश: दूसरे और तीसरे पायदान पर हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की सालाना रिपोर्ट ‘भारत में अपराध 2011’ के मुताबिक, दिल्ली में पुलिस कर्मियों के खिलाफ सर्वाधिक 12,805 शिकायतें मिलीं। उत्तर प्रदेश में पिछले साल...
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दिल्लीः अब पानी के निजीकरण की तैयारी
अगर बिजली के निजीकरण का कांग्रेस पार्टी में विरोध नहीं हुआ होता तो पानी का निजीकरण मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अपने दूसरे कार्यकाल के शुरू में ही कर देतीं। उन्होंने चौबीसो घंटे पानी उपलब्ध करवाने के नाम पर कार्ययोजना भी शुरू करवा दी थी। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के तर्ज पर दिल्ली जल बोर्ड के लिए नियामक आयोग के गठन की भी घोषणा कर दी थी। उन्होंने सितंबर 2005 में...
More »करोड़ों के शिक्षा दीप जलने से पहले ही बुझे
चंडीगढ़/ पंचकूला. सोलर लालटेन सप्लाई करने वाली एक कंपनी ने प्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लगा दिया। अफसरों को भनक तक नहीं लगी। अलग-अलग जिलों में जब छात्रों ने इन लालटेनों की घटिया क्वालिटी की शिकायत की तब जाकर यह मामला खुला। फिलहाल कंपनी के खिलाफ पानीपत, हिसार, जींद और पंचकूला में एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। अक्षय ऊर्जा विभाग ने बाकी जिलों में भी एफआईआर की सिफारिश भेज...
More »सं- भू-माफियाओं से पुलिस के भी गहरे रिश्ते
अपराध संवाददाता, मुजफ्फरपुर : भूमि पर अवैध कब्जे के लिए बदनाम इस जिले में भू-माफियाओं से पुलिस के मधुर रिश्तों की कहानी किसी से छिपी नहीं है। आधा दर्जन पुलिसवालों पर सवाल उठ चुके हैं। इनमें कई दंडित भी हो चुके हैं, लेकिन उनके रिश्ते अब भी बरकरार हैं। इनका भू-माफियाओं के घर न सिर्फ आना-जाना लगा रहता है बल्कि कई पुलिसकर्मी तो जमीन के धंधे में भी हाथ साफ करने लगे हैं। हाल...
More »कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्बन्धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...
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