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जीएसटी से कर्ज सस्ता होने की उम्मीद बढ़ी

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने के वैसे तो तमाम फायदे गिनाये जा रहे हैं लेकिन इससे एक ऐसे फायदे की भी उम्मीद लगाई गयी है जिसका इंतजार आम जनता से लेकर उद्योग जगत सभी कर रहे हैं। यह लाभ है ब्याज दरों में कमी का। कई जानकारों का कहना है कि जीएसटी लागू होने से देश में कारोबार करने की राह जिस तरह से आसान होगी, उससे देश...

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नौकरियों के लिए मुश्किल भरे दिन-- आकार पटेल

भारत ने उस प्रक्रिया की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है, जिसे अनेक लोग बीते दो दशक का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार मान रहे हैं. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से अप्रत्यक्ष कर सरल होंगे और कुछ लोगों की समझ में इससे आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी. कुछ इससे सहमत नहीं हैं, लेकिन उनकी नजर में भी यह एक अहम सुधार है. हम अन्य किन सुधारों की उम्मीद...

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खाड़ी देश में फंसे प्रवासियों की पीड़ा - रहीस सिंह

कभी-कभी दो परस्पर विरोधी स्थितियां जब सामने आती हैं, तो वे संशय पैदा करने के साथ काफी हद तक हमें असहज भी बना जाती हैं। इन स्थितियों को देख एक आम प्रश्न मन में उठता है कि यदि हम दुनिया की सबसे चमकदार अर्थव्यवस्था बन रहे हैं तो फिर हमारे युवाओं को काम के लिए दूसरे देशों में खाक छानने की जरूरत क्यों पड़ रही है? दूसरा सवाल यह कि...

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काले धन का दोहरा संकट-- डा. भरत झुनझुनवाला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिकों से कहा है कि काले धन की घोषणा करके उस पर टैक्स अदा कर दें अन्यथा 30 सितंबर के बाद सख्त कदम उठाये जायेंगे. काला धन रखनेवालों को जेल भी भेजा जा सकता है. हाल में ही बेनामी प्राॅपर्टी को जब्त करने का नया कानून संसद ने पारित किया है. प्रश्न है कि इसका अंतिम परिणाम क्या होगा. क्या काले धन पर नियंत्रण...

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उड़ती उदारता के पैर हैं नदारद-- अनिल रघुराज

आर्थिक विकास का मतलब अगर देशी-विदेशी कंपनियों के मुनाफे और शेयर बाजार का बढ़ना है, तो देश ने यकीनन पिछले 25 सालों में अच्छा विकास किया है. बीएसइ सेंसेक्स 29 जुलाई, 1991 को 1637.70 पर बंद हुआ था. अभी 29 जुलाई, 2016 को 28,051.86 पर बंद हुआ है. 25 साल में 1612.88 प्रतिशत वृद्धि या 12.03 प्रतिशत की सालाना चक्रवृद्धि दर. बाजार में इस दौरान विषमता भी घटी है. 1991...

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