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गन्ने की कीमत से आगे- अपूर्वानंद

जनसत्ता 10 दिसंबर, 2013 : उत्तर प्रदेश से अब गन्ना उगाने वाले किसानों के मिल मालिकों से संघर्ष की खबरें आ रही हैं। यह संघर्ष जोरदार है। और एक तरह से इसे सफल जन संघर्ष कहा जा सकता है। इसने मुजफ्फरनगर की तीन महीने से चली आ रही हिंसा की खबरों को पीछे धकेल दिया है। कम से कम हिंदी अखबारों में। इस आंदोलन में भारतीय राष्ट्रीय  लोक दल के लोग...

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‘मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि मैं आजाद हो गई हूं’

हाल ही में दिल्ली और हरियाणा के सोनीपत से छुड़ाई गई दो लड़कियों की कहानी तहलका की उस पड़ताल की पुष्टि करती है कि असम के लखीमपुर से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी करके उन्हें बंधुआ मजदूरी के नरक में धकेला जा रहा है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. उत्साह और ऊर्जा से भरी 17 साल की जुलिता को देखकर पहली नजर में यकीन करना मुश्किल है कि वह अभी-अभी बंधुआ मजदूरी,...

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तेलंगाना की तस्वीर- विनय सुल्तान

जनसत्ता 16 नवंबर, 2013 :  तेलंगाना की सात दिन की यात्रा से पहले मेरे लिए तेलंगाना का मतलब था आंदोलनकारी छात्र, लाठीचार्ज, आगजनी, आत्मदाह, रवि नारायण रेड्डी और नक्सलबाड़ी आंदोलन। संसद के शीतकालीन सत्र में तेलंगाना के दस जिलों की साढ़े तीन करोड़ आबादी का मुस्तकबिल लिखा जाना है। मेरे लिए यह सबसे सुनहरा मौका था वहां के लोगों के अनुभवों और उम्मीदों को समझने का। पृथक राज्यों की मांग के पीछे...

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सूचना के अधिकार के सात साल- एक जायजा प्रगति का..

आजादी के बाद से अबतक शासन को पारदर्शी बनाने के लिए जो प्रयास हुए उसमें सूचना का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण कदम है। बहरहाल, इस कानून की उल्लेखनी सफलता महज 0.3 फीसदी भारतीयों तक सीमित है। देश की आबादी में बस इतनी ही तादाद सूचना के अधिकार के तहज अर्जी डालती है। सोचिए, उस स्थिति में क्या होगा जब देश की एक या दो फीसदी आबादी अपने शासकों की जवाबदारी तय करने के लिए आरटीआई...

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दलित-प्रश्न और मीडिया- उर्मिलेश

जनसत्ता 25 अक्तूबर, 2013 : ‘नो वन किल्ड जेसिका’, सिर्फ एक शानदार अखबारी शीर्षक नहीं था। अपराध-दंड प्रक्रिया में व्याप्त विसंगतियों को उद्घाटित कर वह एक जन-अभियान का नारा बन गया, जिसने अंतत: कामयाबी हासिल की। लेकिन मध्य बिहार के लक्ष्मणपुर-बाथे में मारे गए दलित-उत्पीड़ित तबके के अट्ठावन लोगों के बारे में लंबे इंतजार के बाद नौ अक्तूबर को पटना उच्च न्यायालय का जो फैसला आया, उसके बाद ऐसी आवाजें...

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