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मध्‍यप्रदेश में उन्नति ऐप से बनेगी बैगाओं की कुंडली

बालाघाट(मध्‍यप्रदेश)। एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से नक्सली क्षेत्रों में निवासरत राष्ट्रीय मानव दर्जा प्राप्त आदिवासी बैगाओं के उत्थान के लिए अब 'उन्नति' का सहारा लिया जाएगा। दरअसल, बैगाओं का विकास करने के लिए कलेक्टर ने एक उन्नति नामक एड्राइंड ऐप तैयार किया है। जिसमें बैगाओं का सर्वे कराकर उनकी सारी कुडंली तैयार की जाएगी। बालाघाट के तीन आदिवासी अंचल बिरसा, बैहर, परसवाड़ा जपं के बैगाओं का सर्वे कर उनकी वर्तमान स्थिति...

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गांवों की अनदेखी से विकास असंभव- उमेश चतुर्वेदी

उदारवादी अर्थव्यवस्था के इस दौर में भी भारतीय अर्थव्यवस्था यदि खेती-किसानी और उसके जरिये जीने वाले गांवों पर टिकी हुई है, तो मान लेना होगा कि हजारों वर्षों से चली आ रही भारतीयता की परंपरा अब भी बनी हुई है। आर्थिक नीतियों की कामयाबी और नाकामी का पैमाना अब अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों फिच और मूडी की रिपोर्टों और उनके आकलन के आधार पर तय होता है। हाल ही में मूडी...

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लखीमपुर में मिड-डे मील का दूध पीकर 17 बच्चे बीमार, तीन निलंबित

लखनऊ। लखीमपुर के एक प्राइमरी स्कूल में मिड-डे मील में मिला दूध पीने से 17 बच्चे बीमार हो गए। इस घटना से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने आनन-फानन में बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।इस घटना की खबर मिलने पर डीएम किंजल सिंह पसगवां के मड़वा स्कूल पहुंच रही हैं। यहां सरकारी दूध पीकर 30 से ज्यादा बच्चे बीमार हुए थे। इस मामले के बाद...

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छत्‍तीसगढ़ में मधुमक्‍खी पालन से फसल पैदावार में हुई वृद्धि

बिलासपुर (छत्‍तीसगढ़)। प्रदेश के जिन इलाकों में मधुमक्खी की बहुतायत है, और जहां ये परागण करती हैं, वहां के किसान संपन्‍नता में अन्य क्षेत्रों के कृषकों से बहुत आगे हैं। क्षेत्र विशेष के लिए मधुमक्खी खुशहाली और संपन्‍नता का पर्याय बन गई है। मधुमक्खी की परागण और शुद्धता पर जारी शोध के प्रारंभिक नतीजे बताते हैं कि जिस क्षेत्र विशेष में मधुमक्खियों का बसेरा है, वहां फसल का उत्पादन अन्य...

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कहां है सुधारों की अगली खेप-- रामचंद्र गुहा

सन 2009 के आम चुनाव के ठीक बाद मैंने बेंगलुरु में एक भाषण सुना, जो नई सरकार के लिए नीतियों के नए रोडमैप पर था। वक्ता थे राकेश मोहन, जो उद्योग व वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर रह चुके थे और उस वक्त रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे। राकेश मोहन का कहना था कि आर्थिक सुधारों की पहली लहर ने व्यापार को सरकारी नियंत्रण से बाहर निकाला और...

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