इन दिनों महाराष्ट्र में जो हो रहा है वह अद्भुत है। महाराष्ट्र महारैलियों का प्रदेश बन गया है। राज्य के जिलों में भी मराठाओं की विशाल रैलियां निकल रही हैं, जिनमें लाखों लोग जुट रहे हैं। कुछ समय पहले तक कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि जिले-जिले में ऐसी महारैलियां निकल सकती हैं। ये महारैलियां इस बात की प्रतीक हैं कि राज्य की एक तिहाई आबादी वाली मराठा...
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तलाक से आगे जहां और भी है-- नासिरुद्दीन
मैं भारतीय हूं. मैं मुसलमान हूं. मैं भारतीय मुसलमान स्त्री हूं. पिछले कुछ महीनों से मेरी जिंदगी के बारे में खूब बात हो रही है. मेरे जेहन में भी कई सवाल उठते रहे हैं. बात, जिंदगी के बारे में होती और बहस की सुई तलाक-तलाक-तलाक और निजी कानून पर जाकर अटक जाती है. क्या मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा मसला यही है? मेरी जिंदगी, शादी के पहले भी है, शादी...
More »दिव्यांग बच्चे को स्कूल में दाखिला न देने पर हाई कोर्ट नाराज
नई दिल्ली। आदेश के बावजूद सिद्धार्थ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल प्रशासन द्वारा दिव्यांग बच्चे को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) में दाखिला न देने पर हाई कोर्ट ने सोमवार को नाराजगी जाहिर की है। मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की खंडपीठ ने कहा कि स्कूल प्रशासन को अदालत के एक सदस्यीय पीठ के आदेश का पालन करना चाहिए था। अदालत ने संविधान के तहत फैसला दिया था।...
More »गोलवलकर की किताब के बहाने-- रामचंद्र गुहा
बेंगलुरु किताबों का शहर नहीं है। फिर भी यह मेरा शहर ही है, जहां से करीब 50 साल पहले एक किताब छपी थी, जिसे भारतीय समाज और राजनीति के हर विद्यार्थी को अनिवार्य रूप से पढ़ना चाहिए। यह किताब थी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक एमएस गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स, जिन्होंने संघ को न सिर्फ 30 वर्ष से ज्यादा वक्त तक नेतृत्व दिया, बल्कि आज भी संघ के लिए...
More »नदी जल विवाद और राजनीति-- चंदन श्रीवास्तव
हिंसा तुरंत दिख जाती है, लेकिन हिंसा को पालने-पोसनेवाली संरचनाएं अक्सर अलक्षित रह जाती हैं. कावेरी नदी के पानी के बंटवारे के मसले पर फिलहाल कर्नाटक में यही हो रहा है. टीवी के पर्दे और अखबार के पन्ने पर कर्नाटक के किसानों का गुस्सा दिख रहा है. उनके उग्र प्रदर्शन के बीच बेंगलुरु-मैसूर हाइवे जाम है. बसें नहीं चल रहीं, दुकानें बंद हैं. हालात को बेकाबू होने से बचाने के...
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