नई दिल्ली. सरकार ने बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी नियमों को आसान कर दिया है। विदेशी कंपनियां घरेलू बीमा कंपनियों में 49 फीसद हिस्सेदारी बिना पूर्व अनुमति के खरीद सकेंगी। अभी ऑटोमेटिक रूट से 26 फीसद एफडीआई की अनुमति थी। 49 फीसद तक एफडीआई के लिए विदेशी कंपनी को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) से अनुमति लेनी होती थी। एक सरकारी अधिसूचना...
More »SEARCH RESULT
आधार' मतलब पारदर्शिता और निगरानी-- रामसेवक शर्मा
बात केरोसीन की हो या रसोई गैस की या फिर उर्वरक की. अमूमन जरूरतमंदों को समय पर नहीं मिलती हैं. मजबूरन बिचौलियों से तय मूल्य से ज्यादा अदा कर इसे खरीदना पड़ता है. यह भ्रष्टाचार के साथ एक तरह से देश की अर्थव्यवस्था पर डाका है, लेकिन सरकार ने 'आधार' आधारित डीबीटी अनुदानों के जरिये इस पर काफी हद तक रोक लगायी है. बिचौलियों की भूमिका समाप्त की है. रसोई गैस...
More »बड़ा सवाल बीमार बैंकों का है- प्रमोद जोशी
विडंबना है कि जब देश के 17 सरकारी बैंकों के कंसोर्शियम ने सुप्रीम कोर्ट में रंगीले उद्योगपति विजय माल्या के देश छोड़ने पर रोक लगाने की मांग की, तब तक माल्या देश छोड़ चुके थे. अब सवाल बैंकों से किया जाना चाहिए कि उन्होंने क्या सोच कर माल्या को कर्जा दिया था? हाल में देश के 29 बैंकों से जुड़े कुछ तथ्य सामने आये, तो हैरत हुई कि यह...
More »सरकार! बीमार पड़े हैं आपके अस्पताल....
शशिकांत तिवारी, भोपाल। तंगहाली ने बीते दो माह से सरकारी अस्पतालों की सेहत बिगाड़ी दी है। हालात यह हैं कि राजधानी के हमीदिया जैसे बड़े अस्पताल में जीवनरक्षक उपकरणों में सबसे अहम वेंटीलेटर खराब पड़े हैं। अस्पताल प्रबंधन के पास उन्हें सुधारवाने के लिए पैसा नहीं है। बीते एक सप्ताह से हृदयरोगियों की एंजियोग्राफी भी नहीं हो पा रही है, क्योंकि कैथेटर और डाई खरीदने के लिए पैसे नहीं है। मरीजों...
More »झुमरा : बारूद की गंध की जगह फसल की खुशबू
देश में बाेकाराे के जिस झुमरा पहाड़ की चर्चा बारूदी सुरंग विस्फोट व मुठभेड़ों के लिए होती थी, वह झुमरा अब बदल गया है. टूटी-फूटी सड़कों की जगह अब पक्की सड़क पर चार घंटे का सफर 17 मिनट में तय होने लगा है. नक्सलियों की जनसभा की जगह अब महिला गोष्ठी अौर क्रांतिकारी गीत की जगह रोपा के गीत गूंजने लगे हैं. बच्चों के चेहरे पर दहशत नहीं, खुशी है....
More »