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कृषि आमदनी को दोगुना कर रहीं मधुमक्खियां

मधुमक्खियां सिर्फ शहद ही नहीं बनातीं, बल्कि कृषि व बागवानी की फसलों की उत्पादकता में चार चांद भी लगा रही हैं। "मधुसंदेश" नामक पायलट परियोजना से अनार, सेब और प्याज जैसी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में सफलता मिली है। इसे अब बाकी जगहों पर लागू करने पर विचार किया जा रहा है। परियोजना के नतीजों के मुताबिक पराग वाली फसलों की उत्पादकता में 40 से 80 फीसद तक की वृद्धि हुई...

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साल भर में 40% बढ़े किसानों की खुदकुशी के मामले, कर्नाटक ने चौंकाया

देश में 2014 और 2015 में किसानों की खुदकुशी के मामले में 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 2014 में 5650 और 2015 में 8000 से अधिक मामले सामने आए। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी के मामले सबसे अधिक हैं, यहां कमी नहीं आ रही है। 2014 से 2015 के बीच राज्य में...

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संकट में वन्य जीव-- रीता सिंह

वर्ल्ड वाइल्ड फंड एवं लंदन की जूओलॉजिकल सोसायटी की हालिया रिपोर्ट चिंतित करने वाली है कि 2020 तक धरती से दो तिहाई वन्य जीव खत्म हो जाएंगे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में हो रही जंगलों की अंधाधुंध कटाई, बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले चार दशकों में वन्य जीवों की संख्या में भारी कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 1970 से 2012 तक...

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तीस साल पहले और अब!-- नसीरुद्दीन

एक दानिश्वर की मशहूर लाइन है- जो इतिहास भूल जाते हैं, वे इसे दोहराने की गलती करते हैं. इतिहास में तीस साल, लंबा वक्त नहीं होता है. फिर भी लगता है कि हम बहुत जल्दी भूलने के आदी हो गये हैं. नतीजतन, बुरे वक्त को दोहराने की गलती करते रहते हैं. फिर वैसा ही माहौल बनाने की कोशिश हो रही है, जैसा तीस साल पहले बनाया गया था. वैसा ही...

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विकास भी चाहिए और रोजगार भी-- एन के सिंह

पिछला एक वर्ष भारत के लिए उथल-पुथल भरा रहा है। अपनी संप्रभुता, सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ राष्ट्रवाद की आक्रामक अभिव्यक्तियों से उसे जूझना पड़ा है। वहीं, इस क्षेत्र की भू-राजनीति अब भी अनिश्चित और अस्थिर बनी हुई है। चीन की विकास दर घट रही है, लिहाजा अपने आर्थिक रसूख को कायम रखने के लिए वह नए-नए तरीके अपना रहा है। दक्षिण चीन सागर विवाद पर ट्रिब्यूनल के फैसले को...

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