जनसत्ता 3 अप्रैल, 2013: ‘अल्लाह, सूरीया, बशारू बस।’ सीरिया की पश्चिमी सरहद पर अलकतीना झील के किनारे बसे शहर हम्स में झूमते युवा अलकोर्निश मार्ग पर यही गा रहे थे। एक लय में उठते इस नारे को मैं अपने सीमित अरबी भाषा के ज्ञान के आधार पर समझ सकता था। वे कह रहे थे कि ‘हमारे लिए अल्लाह, सीरिया देश और हमारा नेता बशर अल असद काफी है’। इसी सड़क पर बने...
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सवा दो करोड़ खर्च करने के बाद भी नहीं मिले राशनकार्ड
जयपुर. खाद्य विभाग ने स्टेशनरी और नए राशनकार्डो की छपाई पर 2.26 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। इसके बाद भी विभाग यह फैसला ही नहीं कर पाया कि नए राशनकार्डो का वितरण कब और कैसे होगा? जबकि पुराने राशनकार्डो की वैधता अवधि तीन माह पहले ही खत्म हो चुकी है। विधानसभा की जनलेखा...
More »खाद्य सुरक्षा बिल- कुछ बुनियादी बातें
संसद के मौजूदा(बजट) सत्र में आखिरकार खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा होने जा रही है। यह बिल यूपीए सरकार ने साल 2011 में लोकसभा में पेश किया था। आहार और बाल-स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करने वाले विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और राज्यों द्वारा प्रस्तुत विविध आलोचनाओं के आलोक में इस बिल में कई और बदलाव किए जाने की संभावना है।यहां प्रस्तुत सामग्री में कोशिश की गई है कि भोजन का अधिकार बिल के बारे में जानकारी क्या-क्यों-कैसे-कौन...
More »दम तोड़ने की कगार पर मनरेगा
नई दिल्ली। मनरेगा का खाका पेश करने वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य ज्यां द्रेज ने आगाह किया है कि दम तोड़ रही इस योजना को बचाने के लिए जवाबदेही के कठोर कदमों की जरूरत है। मनरेगा को लेकर सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है, उसे योजना से अब और चुनावी फायदा नहीं दिखता। बेल्जियम में जन्में अर्थशास्त्री द्रेज का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब भ्रष्टाचार की शिकायतों...
More »नकद सब्सिडी पर राज्यों को एतराज
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सब्सिडी के नकद भुगतान के जरिये अगले लोकसभा चुनाव में अपनी नैया पार होने की आस लगाए बैठी केंद्र सरकार की उम्मीदों को राज्यों ने झटका दिया है। नकद सब्सिडी योजना को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए राज्यों ने इसकी सफलता को संदेह के घेरे में ला दिया है। ज्यादातर राज्यों का मानना है कि इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्यों पर ही...
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