गजेंद्र सिंह की मौत का राजनीतिकरण इस पूरे प्रकरण का सबसे दु:खद पहलू था। हो सकता है उसकी आत्महत्या 'जेनुइन" हो। यह भी हो सकता है, जैसा दिल्ली पुलिस का मानना है कि उसकी आत्महत्या महज एक दुर्घटना हो, एक नाटकीय प्रसंग। लेकिन गजेंद्र की मौत इन मायनों में अपने लक्ष्य को अर्जित करने में जरूर कामयाब रही कि उसने किसानों की दुर्गति की ओर पूरे देश का ध्यान आकृष्ट...
More »SEARCH RESULT
क्यों खुदकुशी कर रहे हैं किसान- विनय सुल्तान
सारी पार्टियां गजेंद्र सिंह की खुदकुशी पर गमगीन दिखने की होड़ में शामिल हैं। अगर उनके आंसू सच्चे हैं तो वे बाकी किसानों की सुध क्यों नहीं ले रही हैं? महाराष्ट्र में सिर्फ चार महीनों में सैकड़ों किसानों ने अपनी जान ले ली। गजेंद्र सिंह राजस्थान का था। मगर राज्य के किसानों पर छाए संकट का वह अकेला उदाहरण नहीं था। कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में हाल में तीस से...
More »मुसीबतों के फंदे में उलझा किसान - संजय गुप्त
बीते बुधवार को दिल्ली में जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की किसान रैली के दौरान राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की जिस ढंग से मौत हुई, उसने न केवल लोगों को झकझोरा, बल्कि दशकों पुरानी किसानों की समस्याओं को एक बार फिर सतह पर ला दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत 'आप" के अन्य बड़े नेताओं की उपस्थिति में गजेंद्र पहले एक पेड़ पर चढ़े और फिर उन्होंने अपने गले में...
More »आदिवासियों, किसानों की जमीन बचाने से हो शुरुआत- सच्चिदानंद सिन्हा
बुजुर्ग समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा के लेख व भाषण हम समय-समय पर छापते रहते हैं, जिनमें वह बार-बार चिह्न्ति करते हैं कि पर्यावरण और प्रकृति के विनाश के लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो है औद्योगीकरण और उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था. और अगर इनसान नहीं चेता, तो इसी की वजह एक दिन वह खुद भी नष्ट हो जायेगा. एक और क्षेत्र उनकी चिंता में स्थायी रूप से रहता है कि अब...
More »जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौतियां - ज्योति पारिख
स्थायी विकास पर हुए रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के मसले पर दुनिया के 100 देशों के प्रमुखों ने संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन को स्वीकार किया था, लेकिन आज 23 वर्ष बाद दुनिया एक बार फिर से चौराहे पर खड़ी है कि आगे के कदम किस तरह उठाए जाएं। कई देश चाहते हैं कि सभी देशों की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एक कानूनी संधि से जोड़ा अथवा...
More »