चीन के साथ तनाव और माओवादियों द्वारा पेश की गई चुनौतियों ने पिछले कुछ हफ्तों से अखबारों की काफी सुर्खियां बटोरी हैं। हालांकि इन दोनों मसलों का एक दूसरे से जुड़ाव नहीं दिखता, लेकिन ये दोनों तब एक साथ केंद्र में आ जाते हैं जब हम आर्थिक विकास व मानव विकास के मुख्य आंकड़ों पर नजर डालते हैं। पहले चीन की बात करते हैं। वैश्विक आर्थिक प्रभाव, कूटनीतिक पहुंच, सैन्य शक्ति व...
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विनिवेश से घटेगा सरकारी घाटा!
केंद्र सरकार अपने बजट घाटे को पाटने के लिए विनिवेश निधि की मदद लेगी और इसके लिए उम्मीद है कि सरकार राष्ट्रीय निवेश निधि (एनआईएफ) को एक या दो साल के लिए लंबित कर सकती है। इसके परिणामस्वरूप सरकार विनिवेश से हासिल रकम को भारतीय संचित निधि (सीएफआई) में रख सकेगी। जबकि अभी तक विनिवेश प्रक्रियाओं से मिलने वाले धन को सीएफआई से निकालकर एनआईएफ में जमा किया जाता है। मौजूदा नियम-कायदे...
More »अभी और बढ़ेगी महंगाई
साल २००५ से २००७ के बीच दुनिया में गेंहूं, चावल और तेलहन के दामों में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है और इन चीजों के दामों में साल २००८ की पहली छमाही में भी बढ़ोतरी जारी रही।ओईसीडी(आर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगामी दस सालों में चावल-गेहूं सहित बाकी अनाज और तेलहन में पिछले दशक के मुकाबले १० से ३५ फीसदी की बढ़ोतरी होगी।...
More »विलुप्त हो रहे परंपरागत बीजों को बचाने की दरकार
हरित क्रांति की शुरुआत करने वाले नॉर्मन बोरलॉग को हाइब्रिड यानी संकर किस्म के बीज तैयार करने के लिए अक्सर याद किया जाता है लेकिन आज छोटे किसानों के कई ऐसे समूह हैं जो पारंपरिक बीजों की खोज कर रहे हैं। ऐसे बीजों की बुआई कुछ जगहों पर प्राथमिकता के आधार पर होती है और वहां हाइब्रिड बीज का इस्तेमाल नहीं होता है। दो साल पहले छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हुई...
More »वन और पर्यावरण मंत्रालय की नई रिपोर्ट में नया क्या है..
ग्रीन हाऊस गैंसों के उत्सर्जन के सवाल पर कोपेनहेग्न में इस साल के दिसंबर में सम्मेलन होने जा रहा है और इससे ठीक पहले अपने देश में पर्यावरण की दशा को बताने वाली दो रिपोर्टें जारी हुई हैं। ११ अगस्त २००९ के दिन वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने नेशनल स्टेट ऑव द एन्वायर्नमेंट रिपोर्ट जारी की जबकि दूसरी वर्ल्ड इकॉनॉमिक एंड सोशल सर्वे रिपोर्ट है जिसे सेंटर फॉर...
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