यूरोपीय बाजारों में भारतीय आमों की बिक्री का रास्ता एक बार फिर साफ हो गया. यूरोपीय संघ ने इनके आयात पर पिछले साल लगाये गये प्रतिबंध को हटाने की घोषणा की है. दरअसल पिछले साल भारतीय आमों की पेटी में मक्खी मिलने के बाद यूरोपीय संघ ने उसके आयात पर प्रतिबंध लगाया दिया था. हालांकि उसके द्वारा लगाया गया यह प्रतिबंध अस्थायी था, जो 2015 तक प्रभावी रहना था. लेकिन...
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कर्ज लेकर घी पीने से नहीं बनेगी बात - डॉ. भरत झुनझुनवाला
चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है। हमने चीन से 54 अरब डॉलर के आयात किए, जबकि निर्यात मात्र 17 अरब डॉलर के किए। इस घाटे को पाटने के लिए सरकार ने चीन से आग्रह किया है कि वह भारत में विदेशी निवेश बढ़ाए। गत वर्ष शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान चीन ने गुजरात तथा महाराष्ट्र में औद्योगिक क्षेत्रों, हाईस्पीड ट्रेनों तथा दिल्ली-चेन्न्ई कॉरिडोर...
More »नसबंदी काण्ड का सबक, बदलेगा दवाओं का कानून
आवेश तिवारी ,नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में नसबंदी से हुई मौतों में दवाओं की अशुद्धि को जिम्मेदार बताने के दावों के बीच केंद्र सरकार औषधि नियंत्रण के कानून में व्यापक बदलाव करने जा रही है। औषधि और कास्मेटिक (संशोधित ) एक्ट-2014 नाम का यह प्रस्तावित कानून आगामी बजट सत्र में संसद के समक्ष रखा जा सकता है । इसमें दवाओं और कास्मेटिक पदार्थों के साथ साथ चिकित्सा कार्य में प्रयुक्त होने...
More »कब तक गिरेंगे कच्चे तेल के दाम- जॉय नोसेरा
छह वर्ष पहले तेल के मूल्यों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव देखा गया था। जनवरी, 2008 में कच्चे तेल की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल थी, जो जुलाई में बढ़कर 147 डॉलर प्रति बैरल हो गई। फिर वर्ष के अंत में यह 35 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई। सऊदी अरब और पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के अन्य सदस्य तेल की कीमतों में ऐसा उतार-चढ़ाव पसंद नहीं करते। पर 2015...
More »विश्व राजनीति के दावं-पेच में चित हुआ कच्चा तेल
प्रभात खबर, भारत गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. रुपये में कमजोरी लगातार बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि व्यापार घाटा काबू में नहीं आ रहा है. शुक्र है कि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ चुकी है, अन्यथा भारत के लिए वित्तीय संकट और गहरा हो जाता. भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में शामिल है. वह अपनी जरूरत का 85 फीसदी...
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