सफल लोकतंत्र के लिए समाज के हर स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति श्रद्धा का होना जरूरी है. यदि व्यक्ति, परिवार, जाति समूहों और प्रकृति के साथ हमारा लोकतांत्रिक संबंध नहीं होगा, तो फिर राज्य और सरकार के स्तर पर भी इसका होना संभव नहीं है. बलात्कार, भीड़ द्वारा हत्या, धर्म के नाम पर हिंसा, घरेलू हिंसा आदि में यदि बढ़ोतरी हो रही हो, तो फिर हमें समझना चाहिए कि...
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जड़ों से कटा आधारहीन वर्ग--पवन के वर्मा
एक ब्लॉगिंग साइट को दिये एक इंटरव्यू में मैंने यह कहा कि लुटियन (नयी दिल्ली का अंग्रेजों द्वारा निर्मित हिस्सा) का उच्च वर्ग चतुर्दिक जल से घिरे द्वीपों की तरह जड़ एवं आधार से रहित है, जिसकी पहचान सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजी ही है. इसके पक्ष और विपक्ष में बड़ी तादाद में टिप्पणियां आयीं. इसलिए मैंने यह महसूस किया कि मुझे अपनी बात का आशय कुछ और विस्तार से प्रकट...
More »यह दाग अच्छा नहीं है-- आशुतोष चतुर्वेदी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में दुष्कर्म मामले में सीबीआइ जांच का उचित फैसला किया है, जिसे सराहा जाना चाहिए. इससे उनकी मंशा स्पष्ट होती है कि वह इस मामले में कुछ दबाना-छुपाना नहीं चाहते, जबकि बिहार पुलिस के बयानों से ऐसा लग रहा था कि वह सीबीआइ जांच के पक्ष में नहीं थी. कुछ दिन पहले ही बिहार के पुलिस...
More »विकास केवल आर्थिक वृद्धि नहीं-- ज्यां द्रेज
भारत में 'रिकॉर्ड्स' बनाने या रखने का बहुत शौक है. गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में घुसने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते हैं. लोग माउंट एवरेस्ट पर चढ़ जाते हैं, पांच कुंतल का लड्डू बनाते हैं, तो दस फुट की अपनी मूंछ बढ़ा लेते हैं. आजकल भारत सरकार एक और रिकॉर्ड की तलाश कर रही है- सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था. और पिछले कुछ सालों में इस रिकॉर्ड...
More »छह राज्यों की साठ फीसद किशोरियों ने कहा- हां, बाहर जाने में लगता है डर..!
क्या आप मानते हैं कि ‘भारत महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक' देश है जैसा कि एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने हाल में जनमत सर्वेक्षण के आधार पर कहा था ? या आपको लगता है कि ऐसा कहना किसी ‘देश को बदनाम' करने की कोशिश है, जैसा कि भारत सरकार ने कहा ? अपना जवाब तय करने से पहले खूब गौर से सोचिए क्योंकि एक नई रिपोर्ट आयी है, इस बार देश के भीतर से ही आयी है और...
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