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25 साल बाद यह कैसा इंसाफ!

नई दिल्ली [विष्णु गुप्त]। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि भोपाल गैस काड के आठ अभियुक्तों को न्यायालय ने दोषी ठहराया है, उन्हें दो-दो साल की सजा सुनाई है या अब भोपाल गैस काड के पीड़ितों को न्याय मिल ही गया। अहम यह है कि भोपाल गैस काड के अभियुक्तों को दंडित करने में 25 साल का समय क्यों और कैसे लगा? न्याय की इतनी बड़ी सुस्ती और कछुआ चाल। क्या गैस...

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रेतीले धोरों में दिखी नदियां

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान फेत के कारण राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में रहने वाले लोगों ने भी दो दिन तक बाढ़ का नजारा देखा। रेतीले धोरों में कभी पानी दूर-दूर तक नजर नहीं आता वहां पानी की नदियां देखकर लोगों को ताज्जुब हुआ। हालांकि तेज बारिश का दौर आज पूरे राजस्थान में ही थम गया। सुबह जरूर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में बारिश हुई, लेकिन शाम तक...

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हरे कानून बदलेंगे रहन-सहन की तहजीब

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जलवायु परिवर्तन के खतरों के खिलाफ देश में धीरे-धीरे खड़ी हो रही हरे कानूनों की नई बाड़ का असर आने वाले कुछ दिनों में आम आदमी की जिंदगी पर नजर आने लगेगा। मामला साफ हवा के नए मानकों का हो या ई-कचरे को नियंत्रित करने के पैमानों का। पर्यावरण केंद्रित नियम-कायदों का नया सांचा देश में रहन-सहन की तहजीब को नई शक्ल देने में जुटा है। बीते एक साल में सरकार...

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धरती कहे पुकार के

ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...

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सेहत की आड़ में सेहत से खिलवाड़

कैंसर से बचाने के लिए हजारों गरीब बच्चियों को एक विवादित टीका लगाया जा रहा है और ऐसा करने के लिए सरकार, कंपनियां और गैरसरकारी संगठन नियम-कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. शांतनु गुहा रे और कुणाल मजूमदार की रिपोर्ट नागेश्वर और वेंकटम्मा से जब कोई सरिता के बारे में पूछता है तो वे कुछ नहीं कहते. बस दीवार पर टंगी एक फोटो की तरफ इशारा कर देते हैं. आप कुछ...

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