कुरुक्षेत्र. गांव डोडाखेड़ी और गोबिंदगढ़ के प्राथमिक स्कूलों में गुरुवार सुबह मिड-डे मील खाने से 47 बच्चों की हालत बिगड़ गई। पता चलते ही प्रशासन व शिक्षा अधिकारियों के भी हाथपांव फूल गए। तुरंत डायल 102 से एंबुलेंस बुला इन बच्चों को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से आठ बच्चों की हालत काफी नाजुक थी, जिसके चलते उन्हें एमरजेंसी वार्ड में रखना पड़ा। सभी बच्चों को शाम पांच...
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बीड़ी पत्ते में धुआं-धुआं ज़िंदगी -- सारदा लहांगीर
“छो...छोको भूंजी लोक पतर तुड़ले लागसी भोक....” ( हम लोग गरीब भुंजिया आदिवासी, पत्ता तोड़ते हुए भूख लगती है ) नुआपाडा जिले के सीनापाली गांव में रहने वाली 55 वर्षीय पहनी मांझी को जंगल में तेदूपत्ता तोड़ते हुए जब भूख लगती है तो वो अपना ध्यान बंटाने के लिए यहीं उड़ीया लोकगीत गुनगुनाती हैं. तेंदूपत्ता अप्रैल और मई महीने की चिलचिलाती धूप में जब हम अपने वातानुकुलित कमरे में बैठे आराम फरमा...
More »छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी
जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....
More »वन विभाग का यह कैसा न्याय- रोहित जिंदल
पेड़ काटने पर मामूली सा जुर्माना और कोई पुलिस केस नहीं। कुछ ऐसा ही कानून है वन विभाग का। जी हां, गत दिनों गांव मंडी कलां में कुछ लोगों ने टाहली, सफेदा व कीकर का एक-एक पेड़ काट लकड़ी चोरी कर ली। जब गांव के कुछेक लोगों ने इसका विरोध किया और विभाग के ही दो कर्मियों पर आरोपियों का साथ देने का आरोप लगाया, तब जाकर वन अधिकारियों ने...
More »फर्जी मुठभेड़ में किशोरी को मारने का आरोप
अंबिकापुर [छत्तीसगढ़]। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा मार गिराई गई एक 16 वर्षीय किशोरी के परिवार ने उसके नक्सली होने से इंकार किया है। ग्रामीणों ने कहा है कि वास्तव में मुठभेड़ नहीं हुई थी और पुलिस ने एक बेगुनाह लड़की की सहज रूप में हत्या कर दी। सरगुजा जिले के कारचा गांव के कोई 50 परिवार छह जुलाई से ही सदमे में है, जब पुलिस ने मीना खालको के हलक...
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