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गोरखालैंड पर अब तो मिटे तनातनी - कृपाशंकर चौबे

र्जिलिंग पिछले छह वर्षों से शांत था, किंतु वहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित करने और बांग्ला भाषा संबंधी पश्चिम बंगाल सरकार की अधिसूचना जारी होते ही यह पहाड़ी क्षेत्र उबलने लगा। तकरीबन पखवाड़े भर से जारी आंदोलन के रुकने की उम्मीद दूर-दूर तक नहीं दिख रही है, क्योंकि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने पर्वतीय क्षेत्र से पुलिस बल व सेना हटाने और अलग गोरखालैंड राज्य बनाए जाने तक जंगी आंदोलन...

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रोजगार देनेवाला एफडीआइ आये -- वरुण गांधी

भारत की अर्थव्यवस्था में एक अनोखा अंतर्विरोध दिख रहा है. बीते कुछ दशकों में, खासकर विकासशील देशों में पाया गया है कि मैक्रो इकनॉमिक्स में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए एफडीआइ रामबाण है. ज्यादा एफडीआइ आने का मतलब देश की आर्थिक नीतियों की स्वीकार्यता समझा जाता है और अर्थव्यवस्था की तंदुरुस्ती का संकेतक माना जाता है. पिछले कुछ वर्षों में स्थिर रहने के बाद बीते तीन वर्षों में...

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शौचालय चाहिए तो मायके से पैसे लाओ, उसने शौहर का घर ही छोड़ दिया

भोजराज उच्चसरे/शशिकांत तिवारी, भोपाल। जन्म से ही मूक-बधिर रेहाना ने अपने शौहर का घर महज इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि ससुराल में शौचालय नहीं है। वह शौचालय बनवाने की गुहार लगाती, इशारों की भाषा से अहमियत समझाती रही, लेकिन ससुराल वालों ने उसकी मौन भाषा नहीं समझी। आखिरकार, अजीज आकर उसने पति का घर छोड़ दिया और मायके लौट आई।   अशोका गार्डन स्थित सेठी कॉलोनी की रहने वाली युवती रेहाना (23) का...

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मीडिया समझे अपना दायित्व-- विश्वनाथ सचदेव

कुछ दिनों पहले भारत-पाक के बीच एक क्रिकेट मैच हुआ था. उस दिन जिसने भी टीवी देखा होगा, तो वह सबेरे से ही एक युद्धोन्माद का गवाह बना होगा. लगभग हर समाचार चैनल पर सबेरे से ही रथी-महारथी जुट गये थे. क्रिकेट की बात तो हो रही थी, पर उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण था वह नकली जोश, जो स्टूडियो में, और स्टूडियो से बाहर अलग-अलग लोकेशनों पर दिखाया जा रहा...

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सत्ता का संदेश- जय किसान जवान-- मुकेश भारद्वाज

आजादी के बाद भूमि सुधार की बात तो हुई लेकिन यह किसी पार्टी के एजंडे में नहीं रहा। विषमताओं और गैरबराबरी वाले भारत में इस बुनियादी मुद्दे को भुला महाजनों और मानसून पर निर्भर किसानों को विश्व बाजार के मंच पर अकेला छोड़ दिया गया। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर सभी सरकारें चुप हैं। जब लोगों के जीने-मरने का सवाल पैदा हो रहा हो तो उनके सामने नोटबंदी और डिजिटल...

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