अंग्रेजी के कुछ शब्द (या शब्दों के संक्षिप्त रूप) ऐसे हैं, जो भारत के दूर-देहात तक जड़ें जमा चुके हैं। यहां मैं डीएम, एसपी, बीडीओ जैसे अफसरों के पदों का उल्लेख नहीं कर रहा। ना ही मैं बस, ट्रेन, साइकिल जैसे सर्वसुलभ शब्दों की बात कर रहा हूं। मैं ऐसे शब्दों की बात कर रहा हूं, जो हमें आज के भारत के बारे में कुछ बताते हैं। इन्हीं में से...
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सबर आदिवासियों के सब्र की इंतेहा-- ज्यां द्रेज
आदिवासी सबर समुदाय को जब तक कोई नजदीक से न देखे तब तक कभी जान नहीं सकता कि वो कैसे रहते हैं. और वहां तक पहुंचने के लिए भी ऐसे किसी इंसान से मदद लेनी पड़ेगी, जो उनकी रिहाइश के बारे में जानता है. हम किसी तरह झारखंड के पूर्वी सिंहभूम ज़िले में पोटका ब्लॉक के सुदूर इलाक़े की पतली पगडंडियों को पार करते हुए उनके घरों या कहें बिखरी हुई झोपड़ियों...
More »नक्सली खौफ से छूटा गांव, खेत-खलिहान और घर
वेदप्रकाश मिश्रा, कांकेर। जिले में कई नक्सल पीड़ित परिवार समस्याओं के बीच किसी तरह जीवनयापन कर रहे हैं। नक्सलियों के खौफ ने उन्हें अपना घर, अपना गांव व अपने लोगों को छोड़ने पर विवश कर दिया। घर से बेघर हुए ये नक्सल पीड़ित परिवार के लोगों को आज भी अपने घर की याद आती है, लेकिन नक्सलियों का खौफ इस कदर हावी है कि वे अपने गांव जाने से डरते...
More »क्लिंटन की गोद ली बच्ची को खाना भी नसीब नहीं
पटना : जब रानी एक साल की थी, तभी उसका भविष्य लिखा जा रहा था. माता-पि ता के साथ आसपास के लोग भी उसके भविष्य को लेकर निशचिंत हो चुके थे. हो भी क्यूं नहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने जो रानी को गोद लिया था. उन्होंने कहा था कि इस बच्ची के पढ़ाई-लिखाइ के साथ-साथ सारा खर्च बिल क्लिंटन फाउंडेशन उठायेगा. अब इस बात को चार साल होने...
More »सूखे से निपटने के लिए राज्य सरकार की अब तक प्लानिंग नहीं
भोलाराम सिन्हा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में अल्पवर्षा व अवर्षा के कारण सूखे की स्थिति निर्मित हो रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश की 150 में से 93 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करने का भी निर्णय ले लिया है। अब इन सूखाग्रस्त इलाकों में पेयजल, रोजगार, जीवनरक्षक दवाइयां, पशुचारा, पशु टीकाकरण, पोषण आहार, खाद्य सुरक्षा, कृषि अनुदान, खरीफ व रबी फसलों को बचाने की चुनौती है। सूखे की स्थिति से निपटने के...
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