नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...
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मनरेगा: सीमांत कृषकों को तोहफा
देहरादून। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत अब सीमांत एवं लघु किसान अपनी भूमि पर सिंचाई, उद्यानीकरण, पौधरोपण एवं भूमि विकास संबंधी कार्य कर सकेंगे। योजना में अनुसूचित जाति,जनजाति एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना फिलहाल चार ब्लाकों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है। एफआरडीसी सुभाष कुमार ने सचिव ग्राम्य विकास, कृषि तथा समस्त जिलाधिकारियों को इस संबंध में...
More »भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन
भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...
More »पीडीएस में चहुंओर भ्रष्टाचार - जस्टिस वाधवा समिति
सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय की न्यायमूर्ति (रिटा.) वाधवा की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी हालिया रिपोर्ट में पीडीएस में व्याप्त भारी खामियों की तरफ इशारा किया है। समिति का कहना है कि पीडीएस के तहत खाद्यान्न के उपार्जन और वितरण की पूरी व्यवस्था भ्रष्टाचार में गले तक डूबी हुई है और इससे गरीबों को ना के बराबर फायदा हो रहा है। समिति ने पीडीएस व्यवस्था की...
More »खत्म हो जन वितरण प्रणाली
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीडीएस यानि जन वितरण प्रणाली में फैले भ्रष्टाचार को देखते हुए केंद्र से इस योजना को बंद करने की मांग की है। पटना में रविवार को गरीबी उन्मूलन सेमिनार में बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि जन वितरण प्रणाली में फैले भ्रष्टचार की जड़े काफी गहरी हो चुकी हैं। भ्रष्टाचार को खत्म करना आसान नहीं है जिसकी वजह से गरीबों तक उनका हक नहीं पहुंच पा रहा...
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