पटना: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को कहा कि एससी-एसटी समुदायों के भूमिहीन परिवारों को राज्य सरकार खरीद कर तीन-तीन डिसमिल भूमि देगी और उन्हें एक स्थान पर समूह में बसायेगी. जमीन महंगी होने के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभाग को यह निर्देश दिया है. विभाग इस संबंध में कार्ययोजना तैयार कर रहा है. श्री मांझी ने सूचना भवन स्थित संवाद कक्ष में प्रेस...
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पीड़ा में पहाड़िया- निराला की रिपोर्ट
झारखंड से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा तक फैले पहाड़िया समुदाय के लिए जिंदगी उतनी ही दुश्वार है जितनी सदियों पहले थी. धरती के सबसे पुराने बाशिंदे कहे जाने वाले इन लोगों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. निराला की रिपोर्ट. हम झारखंड के सुंदरपहाड़ी इलाके के पहाड़ों पर हैं. चेबो नाम के एक गांव में, जिस तक उजले भारत की कोई चमक अब तक नहीं पहुंची है, हां, शोषण जरूर उन...
More »झारखंड में आज भी सपना है बेहतर इलाज
रांची से 32 किमी दूर रांची-पुरुलिया रोड से एक किमी बायें हटकर पहाड़ी की तलहटी में बसा चमघटी पाहनटोली गांव अपनी खूबसूरत भौगोलिक स्थिति व भरपूर हरियाली के कारण लोगों का मन मोह लेता है. पर इस गांव के लोगों की बदहाल जिंदगी व उनका दुख दिल को झकझोर देता है. 31 अगस्त को रांची के अनगड़ा प्रखंड के इस गांव की बीमार आदिवासी महिला लीलावती देवी की मिरगी या...
More »300 लखपतियों की पंचायत है बांक
देवघर के मोहनपुर प्रखंड का सबसे समृद्घशाली पंचायत है यह. घोरमारा पेड़ा बाजार है इस पंचायत का प्रमुख उद्योग. देश-विदेश के लोग रुकते हैं पंचायत में. उमेश यादव मोहनपुर प्रखंड का बांक पंचायत. इस पंचायत की नाम जितनी छोटी है, दर्शन उतने ही बड़े हैं. तीन प्लेटफॉर्म वाला रेलवे स्टेशन, स्टेट हाइवे, डाकघर, दो-दो बैंक शाखाएं, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, उच्च विद्यालय, डाक बंगला, बड़े-बड़े तालाब, एक महीने में 10 करोड़ से अधिक...
More »मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण
मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण सरकार की वेबसाइटों पर हिंदी की घोर उपेक्षा दिखाई देती है। हिंदी को लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग व संस्थान के साथ संसद की वेबसाइटों के एक सर्वेक्षण से यह आभास मिलता है कि सरकार को हिंदी की कतई परवाह नहीं हैं। सर्वेक्षण में शामिल वेबसाइटों के आधार पर यह दावा किया जा सकता है कि हिंदी भाषियों के एक भी मुकम्मल सरकारी वेबसाइट...
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