इस बात में कोई संदेह नहीं कि आज आबादी के बोझ से चरमराते हमारे शहरों के लिए मूलभूत सुविधाएं पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. इन मूलभूत सुविधाओं में पीने का साफ पानी, शोधित सीवरेज, कचरे का निष्पादन, देश के हर कोने में चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति, सुचारु यातायात और बेहतर चिकित्सा हासिल करना जैसी चुनौतियां शामिल हैं. लेकिन, इनसे भी ज्यादा जरूरी है स्वच्छ माहौल, जो तभी मिल सकता है,...
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गोरक्षा के नाम पर पिछले तीन साल में करीब 44 लोगों की हत्या हुई: रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत में पिछले तीन साल में लगभग 44 लोगों की कथित गोरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई. अंतराष्ट्रीय संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच' की रिपोर्ट का कहना है कि अक्सर ऐसे तथाकथित गोरक्षकों को प्रशासन और हिंदुत्ववादी नेताओं का संरक्षण प्राप्त होता है. बिजनेस स्टैंडर्ड की ख़बर के अनुसार, इस सप्ताह में जारी 104 पृष्ठ की रिपोर्ट में हिंदू राष्ट्रवादी समूहों द्वारा हमलों की जांच की गई और कहा गया...
More »उत्तर प्रदेश: दो दिन में 100 से अधिक गायों की मौत की जांच के आदेश
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के कुछ गांवों में दो दिनों के दौरान 100 से ज्यादा गायों की मौत की बात सामने आई है. इस ख़बर के बाहर आने के बाद इस संबंध में जांच के आदेश दिए गए हैं. सब डिविजनल मजिस्ट्रेट विजय कुमार ने शुक्रवार को बताया कि गायों की मौत घास चरने के दौरान हुई. राजस्व विभाग और पशुचिकित्सकों का एक दल उन इलाकों में गया है जहां गायों...
More »सरकारी विभागों के विरुद्ध साल 2018 में मिलीं करीब 15.7 लाख जन शिकायतें
नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने गुरुवार को बताया कि पिछले साल केन्द्र के विभिन्न विभागों के विरूद्ध करीब 15.7 लाख जन शिकायतें प्राप्त की गई. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. सिंह ने कहा कि इन शिकायतों में से 14.98 लाख शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया है तथा 8.4 लाख शिकायतें लंबित हैं. उन्होंने बताया कि...
More »राजनीतिक एजेंडे में पर्यावरण क्यों नहीं-- नवरोज के दुबाश
भारत में पर्यावरण की हालत काफी भयावह है। इससे जुड़े आंकडे़ परेशान करने वाले हैं। मसलन, देश की हर पांच में से तीन नदियां प्रदूषित हैं। ज्यादातर ठोस कचरों का निस्तारण नहीं किया जाता; यहां तक कि देश के समृद्ध हिस्सों में भी नहीं। मुंबई में 90 फीसदी, तो दिल्ली में 48 फीसदी कचरों का निस्तारण नहीं हो पाता। फिर, देश की तीन-चौथाई आबादी उन हिस्सों में बसती है, जहां...
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