2010 में जब भारत ने सदी के दूसरे दशक में प्रवेश किया था, तब उसके सामने 2008 में शुरू हुई वैश्विक आर्थिक मंदी की बड़ी चुनौती थी। लेकिन उपभोग वस्तुओं की मांग लगातार बने रहने के कारण इस मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ा। खासकर ग्रामीणों ने इस दौरान अपने खर्च में कमी नहीं की और वे लगातार अपनी जरूरत की चीजें खरीदते रहे, जबकि वे लगभग पूरी तरह...
More »SEARCH RESULT
महंगाई वाली मंदी
महंगाई झेलना चाहते हैं या मंदी? अपनी तकलीफ चुन लीजिए. फिलहाल तो दोनों ही बढ़ने वाली हैं. रिजर्व बैंक के अनुसार, अगले तीन माह में जेबतराश महंगाई बढ़ेगी. और इस साल की दूसरी तिमाही में विकास दर 4.5 फीसद इस ढलान का अंतिम छोर नहीं है. अगले छह माह में मंदी गहराएगी. इस साल पांच फीसद की विकास दर भी नामुमकिन है. बचत, खपत और निवेश में कमी से बनी यह मंदी...
More »यहां सिर्फ छह हजार में बिकते हैं पहाड़, मुफ्त में बटोर सकते हैं करोड़ों साल पुराने फॉसिल्स
करमपुरातो हटिया में हमारी मुलाकात पहले जुगल पहाड़िया और फिर जिन परो से हुई. जुगल पहाड़िया ने तो साफ इनकार कर दिया कि वे पहाड़ बेचते हैं. उनका कहना था कि पहाड़ बेचने से पहाड़ खराब हो जाता है. इसलिए हम उसे नहीं बेचते, घर चलाने के लिए जंगल से लकड़ी बिन कर लाते हैं. मगर जिन परो ने कहा उनके पास 250 एकड़ का पहाड़ है, वे छह हजार...
More »40 दशक में औसत बारिश घटी, इसका क्षेत्रीय असंतुलन भी बढ़ा : सरकार
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि भारत में पिछले चार दशक के दौरान न सिर्फ मौसमी बारिश की औसत मात्रा राष्ट्रीय स्तर पर घटी है बल्कि पिछले एक दशक में मानसून के क्षेत्रीय वितरण का असंतुलन भी बढ़ा है. मौसम विभाग की एक आंकलन रिपोर्ट के मुताबिक वर्षा चक्र में बदलाव का सीधा असर बारिश की अधिकता वाले पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की कमी और कम...
More »किस तेजी से बदला मौसम का मिजाज, क्या हुआ अर्थव्यवस्था पर असर, पढ़ें इस न्यूज एलर्ट में..
बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं को लेकर हाल-फिलहाल सुर्खियां लगती रही हैं और आगे की पंक्तियों में आप पढ़ने जा रहे हैं कि बीते दो दशकों में तुलनात्मक रुप से मौसम का मिजाज किस भयावहता से बदला है. इस साल अप्रैल माह में जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक मौसम के मिजाज में आये तेज बदलाव के कारण जो सूखा-बाढ़ या आंधी-तूफान और बारिश सरीखी अप्रत्याशित घटनाएं पेश आयी हैं उनका...
More »