मडुवा की खेती कर खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है. सीमांत किसानों के लिए यह आवश्यक है कि धान के अलावा वह वैकल्पिक खेती अवश्य करें. इसमें मडुवा, सरगुजा, कुरथी, गुंदली व दूसरे किस्म की फसल शामिल हैं, जो पानी की कम मात्र होने पर भी अच्छी उपज दे सकते हैं. वैकल्पिक खेती पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के जैवप्रोद्योगिकी विभाग के...
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उधर अटका मानसून, इधर अटकी सांसें..
नई दिल्ली। केरल में मानसून के अटकने के साथ ही सभी की सांसें अटक गई हैं। मानसून के कमजोर पड़ने के कारण सूखे की आशंका से जहां किसान परेशान हैं, वहीं आम लोगों को प्रचंड गर्मी से तत्काल निजात मिलना मुश्किल लग रहा है। तय समय से पांच दिन पीछे चल रहे दक्षिण पश्चिम मानसून के खासतौर पर उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में कमजोर रहने का अनुमान है। मौसम विभाग...
More »अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था- अविनाश कुमार चंचल
दुनियाभर के पर्यावरण विशेषज्ञ 2014 को अलनीनो का साल मान रहे हैं. अगर सच में यह साल अलनीनो के प्रभावों वाला होगा, तो यह भारत सहित समूचे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए चिंताजनक स्थिति बन सकती है. भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल मॉनसून में कमी का अनुमान जताया है. अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर नजर डाल रहा है आज का नॉलेज. पर्यावरण के गंभीर खतरों के बीच...
More »जल संकट दूर कर प्रेरणा बने कर्नाटक के गांव- पंकज चतुर्वेदी
ऊंचे पहाड़ों व चट्टानों के बीच बसे कर्नाटक के चुलुवनाहल्ली गांव के बीते दस साल बेदह त्रासदीपूर्ण रहे। गांव के एकमात्र तालाब की तलहटी में दरारें पड़ गईं, जिससे बारिश का पानी टिकता नहीं था। तालाब सूखा तो सभी कुए, हैंडपंप व ट्यूबवेल भी सूख गए। साल के सात-आठ महीने तो सारा गांव महज पानी जुटाने में खर्च करता था। ऐसे में खेती-किसानी चौपट हो गई। ऐसे में गांव के...
More »मुरुमसिल्ली बांध सूखा अब मानसून का इंतजार
धमतरी (ब्यूरो)। भीषण गर्मी के चलते जिले के बांध सूख गए हैं। बरसात के मौसम में जिन बांधों में दूर-दूर तक पानी ही पानी नजर आता है, वहां अब रेत का मैदान और सूखी हुई जमीन दिखने लगी है। सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति मुरूमसिल्ली बांध की है। जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 5.839 टीएमसी क्षमता के मुरूमसिल्ली बांध में 4 जून की स्थिति में सिर्फ 0.121 टीएमसी पानी...
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