अकरा। विश्व की आबादी वर्ष 2011 तक सात अरब हो जाने की उम्मीद है। आबादी में पिछले 12 साल में जबर्दस्त इजाफा हुआ है, क्योंकि 1999 में यह छह अरब थी। पापुलेशन रिफ्रेंस ब्यूरो [पीआरबी] द्वारा तैयार वर्ल्ड पापुलेशन डेटा शीट में यह जानकारी दी गई हैं। दुनिया की युवा आबादी गरीब मुल्कों खासकर एशिया और अफ्रीका में तेजी से बढ़ रही है। ...
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भुखमरी और कुपोषण के हालात बयान करते दो और रिपोर्ट
दो जून भर पेट भोजन ना जुटा पाने वालों की तादाद दुनिया में इस साल एक अरब २० लाख तक पहुंच गई है और ऐसा हुआ है विश्वव्यापी आर्थिक मंदी और वित्तीय संकट(२००७-०८) के साथ-साथ साल २००७-०८ में व्यापे आहार और ईंधन के विश्वव्यापी संकट के मिले जुले प्रभावों के कारण। यह खुलासा किया है संयुक्त राष्ट्र संघ की इकाई फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की हालिया रिपोर्ट ने । द...
More »सुनामी की चेतावनी का प्रणाली का पहली बार परीक्षण
हिन्द महासागर की परिधि में पड़ने वाले अठारह देश १४ अक्तूबर के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सहायता प्राप्त एक सुनामी एक्सरसाईज में शिरकत कर रहे हैं। गौरतलब है कि १४ अक्तूबर को वर्ल्ड डजास्टर रिडक्शन डे भी मनाया जाता है। साल २००४ में सुनामी ने अपना कहर ढाया था और इसके बाद सुनामी जैसी आपदा की पूर्व चेतावनी देने वाली एक प्रणाली खड़ी की गई थी। १४ तारीख को...
More »सूखा राहत नहीं, कैश स्कीम शुरू करें केंद्र सरकार
दो बार लगातार सूखा पड़ने और उसमें हजारों लोगों की जान जाने के बाद मैंने साल 1965 में पत्रकारिता में प्रवेश किया। सूखे की स्थिति उस समय इतनी भयावह थी कि भारत को अमेरिका के सामने मदद के लिए हाथ फैलाना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय खाद्य मदद में उस समय भारत की भागीदारी इतनी अधिक थी कि उस समय सबसे अधिक बिकने वाली एक किताब में दावा किया गया कि भारत को...
More »भुखमरी-एक आकलन
खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
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