कई विद्वानों का मानना है कि भारतवासी भारत में रहकर वैसी कामयाबी हासिल नहीं कर सकते, जो विदेशों में पहुंचते ही उनको नसीब हो जाती है। इस बार न्यूयॉर्क में मुझे इस बात की सच्चाई का गहरा एहसास हुआ। जिस दिन यहां पहुंची एक पारसी दोस्त की बेटी की शादी में कानक्टीकट जाना हुआ और रास्ते में पता चला कि गाड़ी का ड्राइवर देसी था। उसके साथ बातें शुरू हुई, तो पता...
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सुस्ती के बावजूद बढ़ी रईसों की तादाद
पिछले एक साल के दौरान भारत में और बढ़ गई है 'सुपर-रिच' की संख्या अन्य 'ब्रिक्स' देशों को पीछे छोड़ा एक साल में ब्रिक्स के किसी अन्य सदस्य देश के मुकाबले भारत के 'सुपर-रिच क्लब' में ही सर्वाधिक बढ़ोतरी दर्ज महज एक साल में देश के सुपर-रिच क्लब में 120 लोगों का इजाफा, भारत में फिलहाल हैं 7850 अत्यंत रईस, जिनकी संयुक्त नेटवर्थ है...
More »आपला मानूस बाकी सब मनहूस- रविदत्त वाजपेयी
खाड़ी देशों में तेल के अकूत भंडार की खोज और सारे विश्व में इस तेल की असीमित मांग के बाद से अरब देशों के आर्थिक स्वरूप में विस्मयकारी परिवर्तन हुआ. साथ ही इन देशों में काम इतना बढ़ा कि सारी दुनिया से लोगों को यहां रोजगार मिलने लगा. खाड़ी के सबसे बड़े देश सऊदी अरब में भी शुरुआती दिनों में तेल खनन व शोधन के लिए विदेशी विशेषज्ञों और अमीरी बढ़ने...
More »अमीरों की इनकम पर सरकार की टेढ़ी नजर
नई दिल्ली। सरकार अब देश के अमीरों की आय पर हमला करने लेने की तैयारी में है। बढ़ते काले धन पर शिकंजा कसने के लिए वित्त मंत्रालय अमीरों की कमाई पर 35 फीसद तक का टैक्स लगाने का मन बना रही है। माना जा रहा है कि आज मंत्रिमंडल द्वारा प्रत्यक्ष कर संहिता के प्रस्तावों पर विचार करने वाली है। इन प्रस्तावों में आयकर के लिए न्यूनतम टैक्स स्लैब को 2...
More »गरीबी और सरकारी अमानवीयता- एम जे अकबर
यह इनसानी स्वभाव है कि व्यक्ति अगर अच्छे मूड में हो, तो वह अपने सहयोगी को इंतजार कर रही त्रासदी से बचाने में गर्व महसूस करता है. एक दागदार व्यक्ति को सतत रूप से जारी फिजूल तमाशे से बचाना एक अच्छा मौका हो सकता है. संभवत: वक्त आ गया है जब हम सब मिल कर 28 साल पहले दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों के दौरान लोगों को हत्या और...
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