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आजादी : सपना और हकीकत-- रविभूषण

राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन की परिणति 'सत्ता के हस्तांतरण' में हो जायेगी, यह उन स्वाधीनता सेनानियों ने कभी नहीं सोचा था, जिनके लिए आजादी का अर्थ पूरी आजादी से था. आजादी की लड़ाई में एक साथ कई धाराएं सक्रिय थीं. केवल कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी थी.  राष्ट्रीय स्वाधीनता-संघर्ष का इतिहास कांग्रेस का इतिहास नहीं है. 'स्वराज' के स्वरूप को लेकर उस दौर में सभी एकमत नहीं थे. आजादी...

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सात दशक के बाद-- रघु ठाकुर

स्वतंत्रता और स्वाधीनता का क्या अर्थ है? स्वतंत्रता एक व्यवस्थागत आजादी का बोध कराती है। मसलन, स्वतंत्र यानी हमारे देश का अपना प्रशासन, अपनी शासन-प्रशासन प्रणाली। पर स्वाधीनता उससे कुछ ज्यादा व्यापक अर्थ देती है, जिसमें किसी भी प्रकार की अधीनता न हो। एक देश के रूप में हम अपने ही अधीन हों- एक नागरिक के रूप में, हम अपनी अंतरात्मा के अधीन हैं। अब प्रश्न यह है कि आज...

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एमनेस्‍टी इंटरनेशल इंडिया पर द्रेशद्रोह का मामला दर्ज

बेंगलुरु। बेंगलुरु में एमनेस्‍टी इंटरनेशनल इंडिया के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ है। शनिवार रात को एमनेस्‍टी ने एक सेमिनार 'ब्रोकन फैमिलीज' का आयोजन किया गया था जिसमें कुछ कश्‍मीरी परिवारों को बुलाया गया था। इस सेमिनार में दौरान आजादी के नारे लगने लगे। नारेबाजी के दौरान कश्‍मीरी पंडितों के गुट से नारेबाजों की भिड़ंत भी हो गई। इसके बाद एबीवीपी और कुछ दूसरे संगठनों ने उस ऑड‍िटोरियम के बाहर...

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शाक-मांस के बीच मुल्क- नासिरुद्दीन

हमारे मुल्क के खान-पान का मिजाज मांसाहार नहीं है या इस मुल्क की बड़ी आबादी शाकाहारी है- यह भ्रम है. मिथक है. तथ्य से परे है. फिर भी ऐसा क्यों है कि हमारा मानस इसे मानने को तैयार नहीं होता है. हमें यह क्यों लगता है कि यह मुल्क असलियत में शाकाहारी है और कुछ समूह या समुदाय ही मांसाहारी हैं. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के जून में आये...

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इरोम के मुद्दों से भागता समाज-- उर्मिलेश

सोलह साल बाद अपना ऐतिहासिक अनशन तोड़नेवाली मणिपुर की 44 वर्षीया इरोम शर्मिला चानू के बारे में हर कोई बात कर रहा है, पर ज्यादा लोगों की रुचि उस मुद्दे में नहीं दिखती, जिसके लिए इरोम ने अपनी जिंदगी दावं पर लगा दी. यह संयोग नहीं कि हर विचार, रंग और धारा के राजनेता और दल आमतौर पर उनके अभियान पर खामोश रहे. मीडिया यदा-कदा उनके बारे में छापता-दिखाता...

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