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वंशवाद समाप्त नहीं हुआ है-- नवीन जोशी

क कार्टून इन दिनों सोशल साइटों में वायरल हो रहा है. राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी की गोद में बैठकर अशोक गहलोत, पी चिदंबरम और कमलनाथ की ओर अंगुली उठाकर कह रहे हैं कि इन्होंने अपने बेटों को टिकट देने की जिद की. इस्तीफे तक की धमकी दी. बताते हैं कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल ने क्षोभ के साथ यह बात कही थी. कार्टूनिस्ट का तंज स्वाभाविक...

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बिहार में सबसे अधिक मतदाताओं ने दबाया नोटा का बटन, राजस्थान में 3.27 लाख लोगों ने चुना नोटा

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव में देश में सबसे ज्यादा बिहार की जनता ने नोटा का बटन दबाकर अपने उम्मीदवारों को खारिज किया. बिहार के 8.17 लाख मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया. इसी तरह राजस्थान में 3.27 लाख मतदाताओं ने नोटा (इनमें से कोई नहीं) का विकल्प चुना. यह राज्य की 25 लोकसभा सीटों में डाले गए कुल मतों के 1.01 प्रतिशत के बराबर है. राजस्थान में नोटा में डाले गए मत...

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जाति के समीकरण का टूटना- मनीषा प्रियम

गुरुवार को आए चुनावी नतीजे भारतीय लोकतंत्र के लिए काफी अहम हैं। नरेंद्र मोदी, भाजपा और उनका राष्ट्रवाद अब केंद्र में एकछत्र शासन कर सकने की स्थिति में हैं। कांग्रेसवाद और क्षेत्रवाद, दोनों का एक साथ पतन हुआ है। बेशक कभी इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के लिए कहा जाता था कि वह ‘टीना' फैक्टर यानी ‘देअर इज नो अल्टरनेटिव टु इंदिरा गांधी' के कारण बार-बार जीतकर आती है,...

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मनरेगा :4 राज्यों और 2 संघशासित प्रदेशों में नहीं बढ़ी मजदूरी! कहीं 1 रुपये तो कहीं 2 रुपये की बढ़ोत्तरी !

सबकुछ बदलने के बाद भी आखिर वह क्या जो नहीं बदलता ? दार्शनिक मिजाज के इस सवाल का एकदम ही व्यावहारिक सा जवाब हो सकता है- मनरेगा की मजदूरी!  बात तनिक बुझौवल सी लगी तो इन तथ्यों पर गौर करें: साल 2019-20 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट के तहत दिहाड़ी मजदूरी की दर की अधिसूचना 26 मार्च को जारी हुई. अधिसूचना से जाहिर होता है कि गोवा(254रुपये), कर्नाटक(249 रुपये), केरल(271रुपये) तथा...

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गुजरात में बीते 30 सालों का सबसे भीषण सूखा

कच्छ/बनासकांठाः कच्छ और उत्तर गुजरात में आमतौर पर यह कहा जाता है कि हर तीन से चार साल में सूखा आम बात है लेकिन इन दोनों शुष्क क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने इस तरह से जीवनयापन करना सीख लिया है, लेकिन इस साल की स्थिति अपवाद है. सरकार भी यह मानती है कि राज्य में मौजूदा सूखे की स्थिति बीते 30 सालों में सबसे ख़राब है. मानसून के दौरान कच्छ...

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