शाजापुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मौसम की मार के चलते इस बार जिले की 80 फीसदी संतरा फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे में अनेक किसानों को इस बार मायूसी हाथ लगी है। वहीं जिन किसानों के बगीचे के पौधे संतरे से लदे हुए हैं वे मालामाल हो जाएंगे। दरअसल, इस बार संतरे की कमी के चलते भाव आसमान छुएंगे। इसके चलते बाहर के व्यापारी संतरों का सौदा करने जिले में आने...
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तूफान और बदकिस्मत मछुआरे-- एस श्रीनिवासन
गुजरात चुनाव के मद्देनजर जारी तू-तू, मैं-मैं की राजनीति और पद्मावती फिल्म को लेकर देश के उत्तरी राज्यों मेंमचे हंगामे के आगे दक्षिण भारत के उन हजारों मछुआरों और उनके परिवारों की दारुण कथा बौनी रह गई, जो ओखी चक्रवाती तूफान की मार से उजड़-बिखर गए हैं। तमिलनाडु और केरल के तटीय इलाकों के 800 मछुआरे आज भी अपने घर वापस नहीं लौट पाए हैं। करीब 10 दिनों पहले वे...
More »टिकाऊ विकास की उर्जा-- रमेश सर्राफ धमोरा
भारत में हर साल चौदह दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार ने वर्ष 2001 में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम लागू किया था। इस अधिनियम में ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों को इस्तेमाल में लाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी करना, पारंपरिक स्रोतों के संरक्षण के लिए नियम बनाना आदि शामिल था। भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाने का मकसद लोगों को ऊर्जा के महत्त्व के...
More »बीटी कॉटन के चक्रव्यूह से बाहर आना होगा-- देविन्दर शर्मा
पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा का महाराष्ट्र के अकोला में कपास, सोयाबीन, धान परिषद के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने का निर्णय और फिर उन्हें हिरासत में लेने व रिहाई के नाटक ने लोगों का ध्यान एक छोटे से कीट- पिंक बॉलवर्म द्वारा किए नुकसान की अोर खींचा है। इस छोटे से कीड़े ने देश के सबसे बड़े कपास उत्पादक महाराष्ट्र में 50 फीसदी खड़ी...
More »पुरखों की सांस्कृतिक पूंजी--- जयराम शुक्ल
इजराइल ने पानी के प्रबंधन के बारे में पिछली सदी के चौथे दशक में तब सोचना शुरू किया, जब उसे इसकी जरूरत महसूस हुई। हमारे पुरखों ने तो पानी को तभी ईश्वर मान लिया था, जबसे इस संसार सागर को समझना-बूझना शुरू किया। हमारी वैदिक संस्कृति का उद्भव ही जल से हुआ। ईश्वर का सर्वप्रिय नाम नारायण है। नारायण में नारा का मतलब नीर से है, जल से है और...
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