SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 681

जरूरी है इन्नोवेशन का रोडमैप-- भरत झुनझुनवाला

नये उद्यमियों की मदद का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प स्वागतयोग्य है. देश के युवाओं के पास नये उद्योग लगाने के आइडिया हैं, परंतु कार्यान्वित करने के लिए पूंजी नहीं है. सरकार द्वारा इन्हें समर्थन देने से इनकी छिपी हुई ऊर्जा बाहर आ सकती है और देश को आगे बढ़ा सकती है. लेकिन, केवल आर्थिक मदद से काम नहीं बनेगा, सही वातावरण भी बनाना होगा. तमाम ऐसे आइडिया हैं, जिन्हें...

More »

कब कमर कसेगी सरकार-- शंकर अय्यर

आप इसे बजट राग कह सकते हैं, जो पैसे के मूल मंत्र पर केंद्रित है। बजट के मौसम में सरकारी विचार कक्ष में पैसे के बारे में काफी चर्चा होती है। इस बार भी चर्चा हो रही है कि सरकार को राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करना चाहिए या उसकी चिंता छोड़ देनी चाहिए। चर्चा इस पर भी है कि किसे दर्द सहना चाहिए और किसे फायदा होगा। विकास का सिद्धांत...

More »

भ्रष्टाचार की संस्कृति में रचे-बसे हम - एनके सिंह

हर साल की तरह इस साल भी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट आई। भ्रष्टाचार के वैश्विक पैमाने पर भारत अंकों के आधार पर वहीं खड़ा है। पिछले हफ्ते ऑक्सफेम सहित दुनिया की तीन आर्थिक विश्लेषण संस्थाओं ने बताया कि भारत में विगत 25 सालों में गरीब-अमीर की खाई खतरनाक रूप से बढ़ती जा रही है। गरीब और गरीब होता जा रहा है, अमीर और अमीर। हमने कानून बनाए। भ्रष्टाचार के मुद्दे...

More »

रघुराम राजन की टिप्पणी के बाद जीडीपी पर कोहराम

किसी भी देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का निर्धारण एक जटिल अर्थशास्त्रीय प्रक्रिया होती है. इसमें अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के उपलब्ध आंकड़ों, मुद्रास्फीति तथा आधार वर्ष के आंकड़ों के समायोजन से कुल उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तय किये जाते हैं. पिछले साल भारत सरकार ने जीडीपी के आकलन की प्रक्रिया में बड़ा फेरबदल किया, जिसे लेकर उद्योग जगत, अर्थशास्त्रियों और नीति-निर्धारकों में चर्चा चल रही है....

More »

उपलब्धियां बेमिसाल, फिर भी बाकी हैं सवाल- राजकुमार सिंह

आज हमारा गणतंत्र 66 साल का हो गया। लंबी गुलामी के बाद संघर्ष से मिली आजादी में गणतंत्र का यह सफर आसान हरगिज नहीं रहा। आजादी के साथ ही आयी विभाजन की विभीषिका से उबर कर भारत ने गणतंत्र की राह सोच-समझ कर ही चुनी थी। फिर भी अगर सफर आसान और परिणाम वांछित नहीं रहे, तो कारण विरासत में मिली जटिलताओं के साथ ही नीति-निर्धारण में दोष का भी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close