देश के इतिहास में आरटीआई ऐक्ट एक ऐसा कानूनी दस्तावेज है, जो जनता का राज सुनिश्चित करता है। इस कानून ने नागरिकों को अधिकारों से लैस किया है, जिससे सरकारी तंत्र की नींद टूटी है और उसे जनता के प्रति अपनी जवाबदेही का अहसास हुआ है। लेकिन इन अधिकारों से अब सरकार कुछ परेशान-सी दिख रही है और सरकार में यह मत बनने लगा है कि इस कानून की समीक्षा...
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स्विस बैंकों के प्रति भारतीय रुख- हरिवंश(प्रभात खबर)
आज अगर विदेशों में रखे भारतीय धन पर कोई बात हो रही है, तो इसका श्रेय पूरी तरह अन्ना और बाबा रामदेव के आंदोलनों को ही है. दो वर्ष पहले जर्मनी के एक द्वीप में भारत के धन रखे जाने की खबर जर्मन सरकार ने भारत सरकार को दी, पर खूब हो-हल्ला के बाद भी कुछ नहीं हुआ. देश का धन अगर बाहर रहता है और देश के लोग गरीबी...
More »अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)
उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...
More »एक नहीं, पांच लोकपाल हों - अरुणा राय
प्रभात खबर चाहता है कि जनलोकपाल और भ्रष्टाचार पर आम लोगों के बीच स्वस्थ विमर्श का सिलसिला शुरू हो. इसके लिए जरूरी है कि इन मुद्दों पर असहमति के बिंदुओं और वैकल्पिक विचारों की भी जानकारी सबको हो. इस क्रम में हम सरकारी लोकपाल और जनलोकपाल विधेयक में बिंदुवार अंतर दे रहे हैं. साथ में पढ़ें राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्य अरुणा राय के विचार. असहमति का स्वर रखनेवाली अरुणा राय राजनैतिक...
More »स्टैंडिंग कमेटी पहल कर निकाले निदान- रघुवंश प्रसाद सिंह(पूर्वमंत्री)
सरकार के मंत्री-गण और अन्ना हजारे टीम के बीच एक-दूसरे के लोकपाल को लेकर कई मुद्दों पर असहमति है. जन लोकपाल की सभी बातों से राजनीतिक दल का कोई भी व्यक्ति सहमत नहीं है. लेकिन हाल में जन-अधिकार पर जो हमले हुए, उससे भी राजनीतिक दल सहमत नहीं हैं. संसद को कानून बनाना है. अभी लोकपाल बिल संसद की स्टैंडिंग कमिटी के पास विचाराधीन है. हालांकि स्थायी समिति ने अपनी प्रथम बैठक में...
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