आज के दौर में अलग-अलग रोगों के लिए निजी अस्पतालों की पूरे देश में बाढ़-सी आ गई, पर इनमें इलाज कितना अच्छा हो रहा है, उसकी पड़ताल आवश्यक है। यह भी देखने में आया है कि इन अस्पतालों में इलाज कराना आम जनता के बस की बात नहीं है। दूसरी ओर, सरकारी अस्पतालों की दिनोंदिन खस्ता होती हालत से इलाज के अभाव में गरीब जल्द ही इस दुनिया से विदा...
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अनुसेवक का वेतन 15 हजार, पुत्र की कमाई लाखों में
देवघर : अभिलेखागार से चोरी हुए 386 एकड़ के जमीन घोटाले के कागजात को बड़ी बारीकी से जलाया गया. कागजात को अनुसेवक ज्योतिंद्र पोद्दार की घर की छत पर चूल्हे में जलाया गया. उसके राख को घर के पीछे खेतों में फेंका गया. राख को नष्ट करने के लिए उस पर पानी डाल दिया गया. फोरेंसिक एक्सपर्ट शंभू सिंह व धर्मेद्र कुमार ने दोनों स्थानों के राख, अधजले कागजात, फाइल आदि के...
More »गोदान : किसान की शोकगाथा--- . गोपाल प्रधान
‘गोदान’ के प्रकाशन के 75 साल पूरे हो गए हैं लेकिन भारत का देहाती जीवन आज भी लगभग उन्हीं समस्याओं और चुनौतियों से घिरा दिखता है जिनका वर्णन मुंशी प्रेमचंद के इस कालजयी उपन्यास में हुआ है. गोपाल प्रधान का आलेख सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास 'गोदान' को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की कथा सुन रहे हों....
More »13 लाख 89 हजार छात्र-छात्राओं को साइकिल
नौवीं कक्षा में नामांकित 13 लाख 89 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री बालक-बालिका साइकिल योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष साइकिल के लिए सरकार ने करीब 350 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इसके लिए प्रति साइकिल 2500 रुपये की दर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी। मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधान सचिव मंत्रिमंडल रविकांत ने...
More »बीज विधेयक किसानों की हित-रक्षा में नाकाम
बीज विधेयक 2010 संसद के मौजूदा सत्र में बहस के बाद पारित किए जाने के लिए तैयार है। इस विधेयक का शुरुआती मसौदा किसानों के बजाय कृषि-व्यवसायियों के फायदे में होने के कारण विवादास्पद साबित हुआ था। पहले संसदीय स्थायी समिति और फिर सर्वदलीय बैठक में विचार-विमर्श के बावजूद कई किसान संगठनों, विपक्षी राजनीतिक दल तथा नागरिक संगठनों का मानना है कि यह विधेयक छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा में सफल नहीं...
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