हम सभी का सामना किसी ऐसे ‘अंकल’ से हुआ होगा, जो समय-समय पर हमें याद दिलाते रहते हैं कि इस देश का भगवान ही मालिक है। उनकी हर बात का लब्बोलुआब यह रहता है कि भारत एक भ्रष्ट और नाकारा देश है, जहां जिंदगी गुजारना मुश्किल है। वे हमें बताते हैं कि आरटीओ से लेकर राशन की दुकान और नगर पालिका तक हर सरकारी अधिकारी घूस खाता है। वे हमें यह भी...
More »SEARCH RESULT
सरकारी लेटलतीफी के चलते गरीबों के मकान 1 लाख रु. महंगे
भोपाल। केंद्र सरकार की दो योजनाओं के तहत प्रदेश में गरीबों के लिए बन रहे 60 हजार मकानों की लागत 578 करोड़ रुपए बढ़ गई है। यह भार हितग्राहियों पर ही आने वाला है। पहले उन्हें मात्र 13 हजार में मकान दिया जा रहा था। अब उसे 1 लाख 13 हजार रुपए चुकाने होंगे। उधर केंद्र ने अतिरिक्त राशि देने से पहले ही इनकार कर दिया है। राज्य सरकार ने भी अपने हाथ...
More »उनकी साख डूबी और इनकी संभावनाएं
नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। दुनिया की आर्थिक तस्वीर बिगड़ते ही रोजगारों का पूरा परिदृश्य तब्दील होने लगा है। वर्ष 2011 की शुरुआत में रोजगारों का बाजार मंदी से उबरने की उम्मीदें और सूचना तकनीक, रिटेल के अलावा इंजीनियरिंग व शोध विकास जैसे क्षेत्रों में नए अवसरों की संभावना से सराबोर था। वहीं, आज सन्नाटा और आशका मुश्किलें आ जमी हैं। नौकरियों के लिए मुश्किलें तितरफा हैं। घाटे से परेशान सरकारें...
More »‘विकास होता तो आत्महत्या नहीं करते किसान’
हिसार. मंडी आदमपुर. आरएसएस के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने कहा कि सरकार के विकास के सभी दावे खोखले हैं। यदि सही मायने में देश में विकास होता तो किसान आत्महत्या नहीं करते। आजादी के 60 साल बाद देश में भुखमरी नहीं होती। वे बुधवार शाम गांव काबरेल में श्रीकृष्ण गौशाला, गौ संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र के शिलान्यास के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान आज...
More »बिहार से सात गुना अधिक है दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय
नयी दिल्ली/पटना. योजना राज्य मंत्री अश्विनी कुमार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय बिहार में प्रति व्यक्ति आय से सात गुना अधिक है। प्रश्नकाल के दौरान अश्विनी कुमार ने पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि दिल्ली में वर्ष 2010-11 के दौरान प्रति व्यक्ति आय ।,35,814 रुपए थी जबकि बिहार में प्रति व्यक्ति आय 20,069 रुपए थी। उन्होंने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के पहले...
More »