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बचत दर कम हुई तो मंदी का बढ़ेगा खतरा - जयंतीलाल भंडारी

अर्थ विशेषज्ञ यह कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मंदी के जोखिम से बचाने के लिए राष्ट्रीय बचत दर में सुधार करना होगा। यह माना जाता है कि 2008 की वैश्विक मंदी का भारत पर कम असर होने के पीछे भारतीयों की घरेलू बचत महत्वपूर्ण कारण थी। वैसे वित्त मंत्रालय ने भी संकेत दिए हैं कि सरकार घरेलू बचत बढ़ाने के लिए कुछ छोटी नई बचत योजनाएं पेश करेगी।...

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चीनी की कम होती मिठास - के सी त्यागी

जनसत्ता 14 अक्तूबर, 2014: महाराष्ट्र की चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आत्महत्याओं का जिक्र करते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है। उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में स्वीकार किया कि प्रतिवर्ष लगभग सैंतीस सौ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, मगर दूसरी तरफ उन्होंने राज्य सरकारों द्वारा दिया जाने वाला (समर्थन मूल्य के अतिरिक्त) बोनस रोकने का फैसला किया है। केंद्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान ने...

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SUGAR CRISIS: कि‍सानों काे होगा पहले भुगतान, SC में बैंकों की याचि‍का खारि‍ज

नई दि‍ल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसबीआई और पीएनबी की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें बैंकों ने उत्‍तर प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा अपना स्‍टॉक बेचकर मिलने वाली राशि पर पहले अपना हक जताया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका रद्द कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को सही ठहराया है, जिसमें चीनी मिलों से कहा गया है कि वे अपना स्टॉक बेचकर पहले किसानों का बकाया...

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कोल्‍ड ड्रिंक्‍स में फ्रूट जूस मिलाने की मोदी की सलाह मार्स मिशन से बड़ी चुनौती: विशेषज्ञ

तुमकुर (कर्नाटक): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेप्‍सी, कोका कोला जैसी सॉफ्ट ड्रिंक कंपनियों को कहा है कि वे अपने उत्पादों में 5 प्रतिशत फल का रस मिलाने की कोशिश करें, ताकि भारत में कठिनाई में पड़े किसानों को अपने उत्पादों के लिए एक नया बाजार मिल सके। हालांकि, एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि कोल्‍ड ड्रिंक्‍स के फॉर्मूले को बदलना नामुमकिन है। मोदी की इस योजना पर सॉफ्ट ड्रिंक्‍स इंडस्‍ट्री से...

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जो कहा, उसका उल्टा कर रहे हैं- देविन्दर शर्मा

आपने इस पर जरूर ध्यान दिया होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के पहले सौ दिन का कामकाज एक बड़ी व्यावसायिक घटना में तब्दील हो गया। संभवतः यह पहला मौका है, जब बड़े मीडिया घरानों ने देशव्यापी सर्वे के लिए मार्केटिंग एजेंसियों को नियुक्त किया। सर्वे के परिणाम अखबारों के पहले पन्ने और टीवी चैनलों पर न केवल प्रकाशित-प्रसारित किए गए, बल्कि पूरे दिन सर्वे रिपोर्टों पर चर्चा...

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