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हिंसा से बेअसर भारतीय मध्य वर्ग-- आकार पटेल

भारत में ऐसे तीन बड़े इलाके हैं, जहां लंबे समय से हिंसक संघर्ष चलता आ रहा है. पहला, जम्मू-कश्मीर है, दूसरा मध्य भारत का आदिवासी क्षेत्र है जो झारखंड, ओड़िशा व छत्तीसगढ़ से जुड़ा हुआ है, और तीसरा हिस्सा पूर्वोत्तर भारत का जनजातीय इलाका है. इन संघर्षों की जमीनी हकीकत को समझने के लिए इसकी प्रकृति से संबंधित कुछ अहम तथ्यों को जानना जरूरी है. उत्तर में जम्मू-कश्मीर की समस्या...

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एसओजी जवानों का मानसिक परीक्षण कराने का सुझाव

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएसटी) ने बुधवार को ओड़ीशा सरकार को कंधमाल में माओवादी विरोधी अभियान के दौरान पांच ग्रामीणों को भून डालने में कथित रूप से शामिल विशेष अभियान समूह (एसओजी) के जवानों का मनोविकार संबंधी परीक्षण कराने का सुझाव दिया। एनसीएसटी अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कंधमाल के बालीगुडा में मृतकों के परिवारों से मिलने के बाद कहा, ‘हत्याओं में शामिल जवानों को जरूर ही मानसिक रोग परीक्षण से...

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बस्तर बटालियन में शामिल होंगे एक हजार जवान

जगदलपुर। नक्सल मोर्चे पर तैनात देश के सबसे बड़े अर्धसैन्य बल सीआरपीएफ में स्थानीय युवाओं की भर्ती व बस्तर में उनकी तैनाती के ब्लू प्रिंट को आखिरकार केंद्रीय गृह विभाग ने मंजूरी दे दी है। दो साल पूर्व बने योजना के तहत स्थानीय युवाओं को शामिल कर पृथक लोकल बटालियन का गठन किया जाएगा। भर्ती प्रक्रिया में आदिवासियों को रियायत भी दी जाएगी। नक्सल विरोधी अभियान के तहत सीआरपीएफ व कोबरा...

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कभी अबरख से चमकता था, अब ढीबरा तले दबा कोडरमा-- जीवेश

कोडरमा शहर व मुख्य पथ से महज छह किलोमीटर हट कर है छतरबर का इलाका. इस घनी बस्ती से सट कर शुरू होता है जंगली क्षेत्र. झाड़ियोंवाले इस जंगल में थोड़ी दूर जाने पर ही सड़क के किनारे सुरंगें दिखनी शुरू हो जाती हैं. इन सुरंगों से जमीन के अंदर घुस ढीबरा (अबरख का स्क्रैप) चुनते हैं गांववाले. झाड़ियों के बीच स्थित पगडंडी पर तीर का लाल (रात में...

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सहेजना जरूरी है बरसात का पानी-- अतुल कनक

भारत कृषि प्रधान देश है। आज भी देश के किसानों का एक बड़ा वर्ग अपनी फसलों के लिए बादलों की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देखता है। मानसून का अच्छा या बुरा होना, हमारी फसलों की पैदावार के अच्छे या बुरे होने को तय करता है। लेकिन बदली जीवन शैली में जिन लोगों का कृषि संबंधी गतिविधियों से सीधा सरोकार नहीं है, मानसून उनसे भी अपने यथोचित स्वागत की अपेक्षा...

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