-न्यूजलॉन्ड्री, उत्तर प्रदेश की जर्जर कानून व्यवस्था हमेशा से सवालों का मुद्दा रहा है. रामराज्य का वादा करके सत्ता में आई योगी आदित्यनाथ की सरकार में कानून व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है. ताजा मामला पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में देखने को मिला, जहां एक टीवी पत्रकार की गांव के दंबगों गोली मारकर हत्या कर दी. 45 वर्षीय पत्रकार रतन सिंह की सोमवार रात ग्राम प्रधान के घर...
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ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को ठीक से लागू करने के लिए सरकारी कर्मचारी कहां हैं?
केंद्र सरकार द्वारा हर साल अपने वार्षिक बजट में ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों के लिए भारी रकम आवंटित की जाती है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में अधिकारी नहीं होते हैं, तो क्या अधिकारियों की कमी के चलते सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को ठीक से लागू किया जा सकता है? यदि हम इस मुद्दे के बारे में गहराई से सोचें तो हमें जवाब तो आसानी से मिल...
More »भारत के युवाओं के लिए रोज़गार की राह हुई और मुश्किल
-बीबीसी, कोरोना के आने से पहले भी दुनिया भर में यह बहुत बड़ा सवाल था कि आनेवाले दिनों में रोज़गार कैसे मिलेगा, कहाँ मिलेगा और किस किसको मिलेगा? अर्थशास्त्र में नोबल पुरस्कार पानेवाले दंपती अभिजीत बनर्जी और एस्टर डूफलो तो तभी कह चुके थे कि अब दुनिया भर की सरकारों को अपनी बड़ी आबादी को सहारा देने का इंतज़ाम करना पड़ेगा, क्योंकि सबके लिए रोज़गार नहीं रह पाएगा. बड़ी बहस इस बात पर...
More »यूपी में खाद वितरण घोटाला
-इंडिया टूडे, यूपी में खाद की कमी और वितरण में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए शिकायतें दिल्ली के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय तक पहुंच रही थीं. भरपूर स्टॉक देने के बाद भी उर्वरक का संकट क्यों हुआ, इसकी पड़ताल के लिए केंद्रीय खाद एवं रसायन मंत्रालय ने एक वित्तीय वर्ष के दौरान सबसे अधिक खाद लेने वाले प्रत्येक जिले के टॉप 20 किसानों की सूची बनाई और इसे अपने पोर्टल पर...
More »देश भर में, 11,537 अनियमित कामगारों के साथ की गई सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई, “कोविड-19 के दौर में कामगार.“
-ऐक्शन एड, अनियमित कामगारों के राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, “लॉकडाउन से अब तक 75% से ज़्यादा कामगार अपना रोज़गार गँवा चुके हैं.” देश भर में, 11,500 अनियमित कामगारों के साथ किए गए एक सर्वे के अनुसार, “लॉकडाउन के दौरान खाद्य उपभोग प्रभावित हुई है. सर्वेक्षित 11,537 में से तीन-चौथाई से भी अधिक लोगों ने बताया कि लॉकडाउन घोषित होने के बाद उनका रोज़गार चला गया. इनमे से क़रीब आधे लोगों ने कहा कि उनकी इस दौरान कोई आय नहीं हुई, 17% लोगों का कहना था कि उन्हें आंशिक वेतन ही प्राप्त हुआ. तक़रीबन 53% लोगों का कहना था कि लॉकडाउन के दौरान उनके क़र्ज़ में इज़ाफ़ा हुआ. क़रीब...
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