नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। कदम रुके थे, पैर में बंधा पत्थर तो जस का तस था। महंगाई गई कहां थी? अर्थव्यवस्था मंदी से निढाल होकर बैठ गई थी इसलिए महंगाई का बोझ बिसर गया था। कदम फिर बढ़े हैं तो महंगाई टांग खींचने लगी है। मुद्रास्फीति का प्रेत नई ताकत जुटा कर लौट आया है। मंदी के छोटे से ब्रेक के बीच महंगाई और जिद्दी, जटिल व व्यापक हो...
More »SEARCH RESULT
पेट्रोल-डीजल पर मंत्रियों ने फूंके लाखों
पटना राजद के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुलबारी सिद्दीकी ने राज्य के मंत्रियों पर पेट्रोल और डीजल मद में लाखों रुपये फूंकने का आरोप किया है। उन्होंने कहा कि एक ओर राज्य सरकार केन्द्र से विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है तो दूसरी ओर मंत्रियों ने पेट्रोल- डीजल पर होने वाले खर्च की सीमा को समाप्त कर दिया। उन्होंने शुक्रवार को...
More »बगैर मुआवजा दिये किसानों की जमीन पर कब्जा, हंगामा
बिहटा मेगा औद्योगिक पार्क के लिये अधिग्रहीत जमीन पर शुक्रवार को कब्जा दिलाने पहुंची प्रशासन की टीम को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा। बगैर मुआवजे के जमीन पर कब्जा दिलाने को कोई किसान तैयार नहीं थे। हालांकि प्रशासन ने भारी पुलिसिया बंदोबस्त के बीच हिन्दुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड को जमीन पर कब्जा तो दिला दिया परंतु किसानों के आक्रोश को दबा नहीं सका। वहीं दूसरी ओर, प्रशासन...
More »तपती धरती को चाहिए पर्यावरण रक्षा
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। वैश्विक स्तर पर बढ़ते जा रहे तापमान के मूल्याकन से आसार नजर आ रहे हैं कि वर्ष 2010 रिकार्ड तोड़ गर्मी का साल साबित हो सकता है। भारत के एक बड़े क्षेत्र के लिए भी यह वर्ष रिकार्ड तोड़ गर्मी का वर्ष बनता जा रहा है। बीच में भीषण गर्मी से भले ही थोड़ी-बहुत राहत मिले, लेकिन कुल मिलाकर प्रवृत्ति बढ़ते तापमान की ओर है। अनेक...
More »बसेरा बनता गया, पेड़ उजड़ते रहे
जीएन भार्गव, ऐलनाबाद पेड़ों को नष्ट कर पर्यावरण के दुश्मन बने शहरी और ग्रामीण लोगों के साथ-साथ सरकारी अमला भी इसके लिए कम दोषी नहीं है। दो दशक पूर्व ग्रामीण क्षेत्रों के कुओं, तालाबों, जोहड़ों व गावों के चारों तरफ बनी घिरनी रास्ते पर पेड़ों के झुंड के झुंड बने दिखाई देते थे। इसी तरह शहर से निकलते ही शुरू हो जाता था, हरियाली का आलम। लोगों ने इन तालाबों, जोहड़ों पर...
More »