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बच्चे पास हो गए, नीति फेल हो गई-- हरिवंश चतुर्वेदी

अब फिर से पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में फेल होने वाले बच्चों को रोका जा सकेगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2010 का यह मुख्य प्रावधान था कि आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं किया जाएगा। लोकसभा ने इसके लिए अधिनियम में संशोधन कर दिया है। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना था कि बच्चों को फेल न करने की नीति से स्कूली शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही थी और...

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कानून से ही नहीं रुकेगी क्रूर कायरता-- विभूति नारायण राय

राम मनोहर लोहिया ने भारतीय भीड़ के व्यवहार के लिए एक बड़े मौजूं शब्द का इस्तेमाल किया है- क्रूर कायरता। औसत भारतीय जब भीड़ का अंग होता है, तो उसका व्यवहार एक खास तरह की क्रूरता से भरपूर होता है, जो कई मौकों पर तो बर्बरता की हदें पार कर जाती है। भीड़ किसी जेबकतरे को बस से उतारकर पीट-पीट कर मार डालती है। कभी कोई नकबजन हत्थे चढ़ जाए,...

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सोशल मीडिया नहीं, हमें सुधरना होगा-- हरजिंदर

वे अपने-अपने ढंग से सफाई में जुट गए हैं। ट्व्टिर ने उन एकाउंट को बंद करना शुरू कर दिया है जो उसके हिसाब से फर्जी हैं। व्हाट्सएप ने अपने नए अपडेट के साथ ऐसी व्यवस्था की है कि अब अगर कोई संदेश फॉरवर्ड होगा तो पता पड़ जाएगा कि यह मूल रूप से तैयार किया हुआ संदेश नहीं है बल्कि इधर का माल उधर है। हालांकि इन सबका बड़ा नतीजा...

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पाठ्यपुस्तक में इमरजेंसी अध्याय-- प्रो. योगेन्द्र यादव

इमरजेंसी पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के बयान ने मुझे एक भूले-बिसरे किस्से की याद दिला दी. जब भी इस किस्से को याद करता हूं तो विस्मय होता है, गर्व भी होता है. जयपुर में भाजपा द्वारा आपातकाल को काले दिवस की तरह मनानेवाले कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, 'हमने तय किया है कि हम पाठ्यक्रम में बदलाव कर आपातकाल की सत्यता के बारे में विद्यार्थियों को भी...

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अंतहीन अत्याचार का वह काला दौर - ए. सूर्यप्रकाश

जून का महीना झुलसाती गर्मी के साथ इतिहास की कुछ दर्दनाक यादों को भी दोहराता है। 1975 में 25 जून को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर निरंकुश आपातकाल थोपा था। इसके साथ ही जीवंत लोकतंत्र पर तानाशाही हावी हो गई थी। इस तानाशाही ने न केवल नागरिकों के मूल अधिकार निलंबित किए, बल्कि उन्हें जीवन के अधिकार से भी वंचित किया। यदि हम अपने लोकतांत्रिक जीवन को सुरक्षित रखना...

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