अंबिकापुर (ब्यूरो)। सरगुजा जिले के खजुरी निवासी प्रतिष्ठित किसान ने कर्ज व बैंक प्रबंधक की धमकी से तंग आकर खुदकुशी कर ली। मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार खजुरी गांव के प्रतिष्ठित किसान ठाकुर राम पिता शिवचरण (65) के पास लगभग ढाई एकड़ जमीन थी, जिसे उसने कर्रा को-ऑपरेटिव बैंक में गिरवी रखकर 48 हजार...
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किसानों को चाहिए सुरक्षा कवच- बी के चतुर्वेदी
विकट कृषि संकट के चलते किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसे में हमें इस समस्या पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। किसानों के लिए किसी भी तरह के सुरक्षा तंत्र की रूपरेखा उनकी जरूरतों और समस्याओं की समझ पर आधारित होनी चाहिए। ऐसे किसी तंत्र के लिए विभिन्न पहलुओं पर गौर करना जरूरी है। इसमें से पहला यह कि छोटी जोत की खेती के लिए बड़े पैमाने पर...
More »आर्थिक मोर्चे पर बदले नहीं हालात - डॉ. भरत झुनझुनवाला
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का एक वर्ष पूरा होने को है, लेकिन अर्थव्यवस्था पूर्ववत शिथिल पड़ी हुई है। दुकानदारों की मानें तो बिक्री में 20 फीसदी की गिरावट आई है। प्रॉपर्टी डीलरों के अनुसार मोदी सरकार के आने के बाद दाम तीस प्रतिशत टूटे हैं। आश्चर्य है। आश्चर्य का कारण यह है कि शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार में निश्चित रूप से कमी आई है। स्पेक्ट्रम तथा कोयले...
More »पुलिस का क्रूर चेहरा, 17 घंटे लटका रहा मृत किसान
फसली नुकसान और लाखों के कर्ज से परेशान होकर रोजा के गांव सरसवां के 55 वर्षीय जय कुमार ने पेड़ से लटकर फांसी लगा ली। उनका शव गांव से करीब पांच किमी के फासले पर सेहरामऊ दक्षिणी क्षेत्र के गांव दारापुर चठिया के जंगल में पेड़ पर लटका मिला। इसके बाद रोजा और सेहरामऊ थानों के पुलिस के बीच सीमा विवाद उलझने से करीब 17 घंटे तक शव पेड़ पर...
More »कारपोरेट खेती से किसका भला होगा- सुभाषचंद्र कुशवाहा
मानो फसलों की बर्बादी और किसानों की आत्महत्या ही काफी न हो, अब एसोचैम ने शोध प्रस्तुत किया है कि कॉरपोरेट और ग्रुप फार्मिंग ही छोटे किसानों को आपदाओं से बचाएगी। एसोचैम किसानों को राहत देने के पक्ष में नहीं है। उसकी मंशा कंपनियों को राहत देने की है। उसके मुताबिक, किसानों की जमीन औने-पौने दामों में कॉरपोरेट को सौंप देनी चाहिए। उसका मानना है कि कृषि ऋण लगातार बढ़ाने...
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