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किसानों पर भारी पड़ी तंत्र की लापरवाही, फसल बीमा ही नहीं मिला

भोपाल। प्रदेश में पिछले साल खराब हुई खरीफ फसलों के लिए हजारों किसानों को पात्र होते हुए भी प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं मिल पाया। सरकारी तंत्र की लापरवाही के चलते प्रभावित किसानों का फसल बीमा दावा ही नहीं बन पाया। दरअसल, राजस्व अधिकारियों ने फसल के बोए क्षेत्र और बीमित क्षेत्र का डाटा दर्ज करने में लापरवाही बरती। नतीजा यह हुआ कि बीमा कंपनियों में इनके दावे ही प्रस्तुत नहीं हो...

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बीएचयू के अस्‍पताल में इंडस्‍ट्र‍ियल गैस से बेहोश क‍िए जाते थे मरीज

केंद्र सरकार और उत्त प्रदेश सरकार की संयुक्त जाँच दल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के अस्पताल में तीन दिन के अंदर समान्य से ज्यादा मौतों की जाँच कर रहा है। इस जाँच दल को पता चला है कि बीएचयू के अस्पताल में मरीजों को बेहोश करने के लिए इंडस्ट्रियल गैस का इस्तेमाल किया जाता था जिसका प्रयोग मरीजों पर नहीं किया जाता। इस गैर का प्रयोग उन मरीजों पर किया...

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लिखकर नहीं कम्प्यूटर के सामने बोलकर FIR दर्ज करेगी पुलिस

रवींद्र कैलासिया, भोपाल। पुलिस थाने में कम्प्यूटर के सामने बैठकर अपनी फरियाद लिखवाने के लिए कुछ दिनों बाद पुलिसकर्मी की टाइपिंग स्पीड से पीड़ित को जूझना नहीं पड़ेगा। इसके लिए पुलिस गूगल और माइक्रोसॉफ्ट की तरह अपना खुद का 'स्पीच टू टेक्स्ट' ऐप डेवलप कर रही है। थाने में बैठा पुलिसकर्मी कम्प्यूटर के सामने पीड़ित की फरियाद बोलते जाएंगे और कुछ मिनट में ही उसका प्रिंट भी मिल जाएगा। भारतीय पुलिस...

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गुजरात: मूँछ रखने पर दलित किशोर को मारा ब्लेड

प्रीति दास मंगलवार (तीन अक्टूबर) शाम कुछ अज्ञात लोगों ने गुजरात के गांधीनगर गांव में एक दलित किशोर पर ब्लेड से हमला कर दिया। इसी गांव में इससे पहले दरबार जाति के सवर्णों ने दो युवकों की मूँछ रखने के लिए दो दलितों की पिटाई कर दी। पिछले एक हफ्ते में इस रह का ये तीसरा हमला है। हमले के बाद सानंद और उसके आसपास के करीब 300 दलितों ने अपने...

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...तो 2027 तक 6000 अरब डॉलर होगी भारत की GDP!

नयी दिल्ली : डिजिटलीकरण, अनुकूल जनसांख्यिकी, वैश्वीकरण और सुधारों के चलते आने वाले दशक में भारत दुनिया की सबसे बड़ी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा. वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने यह संभावना जतायी है. मॉर्गन स्टेनली के एक शोध नोट के अनुसार, भारत की वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि का रुख लगातार आगे बढ़ने वाला रहा है. 1990 के दशक में यह 5.8 प्रतिशत रहा, जो 2000 के दशक...

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