हिमालय आकार में जितना विराट है, अपनी विशेषताओं के कारण उतना ही अद्भुत भी। कल्पना करें कि अगर हिमालय न होता तो दुनिया और खासकर एशिया का राजनीतिक भूगोल क्या होता? एशिया का ऋतुचक्र क्या होता? किस तरह की जनसांख्यकी होती और किस तरह के शासनतंत्रों में बंधे कितने देश होते? विश्वविजय के जुनून में दुनिया के आक्रांता भारत को किस कदर रौंदते? न गंगा होती, न सिंधु होती और...
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सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप-- 'मनरेगा को धीमा जहर दे रही है सरकार'
दरम्याना कद- बस इतना-सा कि कुर्सी से पीठ टिकाकर बैठने पर पुश्त से कुछ इंच नीचा ही नजर आता है. आंखों से हल्का पीलापन.. गहरे सांवले रंग के चेहरे पर बरसों से जमे हुए तनाव और आशंका ने अब झुर्रियों का रुप ले लिया है. सूती साड़ी में लिपटी बहुत दुबली देह.. मानो कह रही हो कि काम ना करें तो कैसे खाएं-जीएं ! पल्लू से आधे ढंके माथे से कुछ...
More »बंजर में तब्दील होती मिट्टी -- रमेश कुमार दूबे
जिस रफ्तार से मिट्टी की उर्वरता में ह्रास हो रहा है उसे देखते हुए आने वाले वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो पाएगा इसमें संदेह है। मांग के अनुरूप अन्न पैदावार में बढ़ोतरी की चुनौती तो भविष्य की बात है, कुपोषण की व्यापकता तो हमें कब का घेर चुकी है। यही कारण है कि भरपेट खाने के बावजूद कमजोरी महसूस होती है। परिवार के बुजुर्ग यह शिकायत करते...
More »सिस्टम के दीमक ने कर दिया आदर्श ग्राम योजना को विफल-- सुरेन्द्र किशोर
कुछ अपवादों को छोड़ दें तो महत्वाकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना अंततः कुल मिलाकर विफल हो गयी. ऐसा इस बात के बावजूद हुआ कि इस देश में करीब-करीब हर राज्य में केंद्र और राज्य सरकार की करीब सवा दो सौ विकास और कल्याण की योजनाएं चलती हैं. केंद्र सरकार ने फैसला किया था कि इन्हीं योजनाओं के पैसों से गांवों को आदर्श बनाया जायेगा. पर, ये पैसे इस...
More »गैस सबसिडी के बगैर-- पीयूष द्ववेदी
लोकसभा में रसोई गैस कनेक्शनों की अनियमितताओं से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि बीते एक जून से सरकार रसोई गैस सिलेंडरों की कीमतों में प्रतिमाह चार रुपए की बढ़ोतरी का आदेश तेल कंपनियों को दे चुकी है। इस आदेश के पीछे सरकार की योजना 31 मार्च, 2018 तक रसोई गैस सिलेंडरों से सबसिडी को पूरी तरह से खत्म कर देने की...
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