नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...
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गेहूँ खरीद में चार फीसदी की गिरावट
गेहूँ की खरीद वर्ष 2010-11 के विपणन वर्ष में चार प्रतिशत घटकर 2.17 करोड़ टन रही है। खाद्यान्नों की खरीद और वितरण करने वाली प्रमुख एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने पिछले वर्ष की समान अवधि में 2.25 करोड़ टन गेहूँ की खरीद की थी। गेहूँ की खरीद जो पिछले वर्ष के मुकाबले 13 अप्रैल को 40 प्रतिशत अधिक थी, वह पहली बार तीन मई को घट गई और उसके बाद...
More »कृषि ज्ञान व आदान अभियान का आगाज
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : कृषि एवं पशुपालन मंत्री हरजीराम बुरड़क ने शनिवार को प्रतापगढ़ जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के असावता ग्राम में राज्य स्तरीय ''कृषि ज्ञान एवं आदान अभियान-2010'' का आगाज किया। बुरड़क प्रतापगढ़ पंचायत समिति के असावता स्थित नवक्रमोन्नत राजकीय माध्यमिक विद्यालय में ''कृषि ज्ञान एवं आदान अभियान'' का विधिवत् शुभारम्भ करने के पश्चात् आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ग्रामीणजनों को संबोधित करते हुए कहा कि...
More »गेहूं की फसल भरपूर, पर घटा खाद्यान्न उत्पादन
नई दिल्ली। पिछले साल मानसून के दगा देने से देश में खाद्यान्नों के उत्पादन को झटका लगा है। कृषि उत्पादन के बारे में बुधवार को जारी तीसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक वर्ष 2009-10 के खाद्यान्न उपज में इससे पिछले वर्ष की तुलना में 6.95 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि इस दौरान गेहूं का उत्पादन रिकार्ड 8.09 करोड़ टन रहने का अनुमान है। पिछले साल देश के आधे हिस्से में पड़े सूखे की वजह से खाद्यान्न...
More »गेहूँ खरीद में कमी संभव : यूएसडीए
अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में वर्ष 2010-11 में गेहूँ की खरीद 20 से 30 लाख टन घटने की उम्मीद है जो पिछले वर्ष 2.54 करोड़ टन के रिकार्ड स्तर पर पहुँच गई थी। यूएसडीए ने कहा है, 'वर्ष 2010-11 के पूरे विपणन वर्ष (अप्रैल.मार्च) के दौरान खरीद अब वर्ष 2009-10 के 2.54 करोड़ टन से 20 से 30 लाख टन कम रहने की उम्मीद है जो उत्पादन की कमी...
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