प्राकृतिक सौंदर्यता, जंगल और खनिजों के लिए प्रसिद्ध झारखंड के पांच जिलों से 38 पहाड़ गायब हो गये हैं. राज्य के अन्य जिलों में भी अवैध खनन के कारण 80 से ज्यादा पहाड़ों का अस्तित्व खतरे में है. इस खेल में पत्थर माफिया के अलावा कुछ भ्रष्ट अफसर और नेता भी शामिल हैं. नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते हुए पहाड़ों की खुदाई हो रही है. जहां-तहां क्रशर मशीन लगी हैं. यहां...
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अब भी हो रही पर्यावरण की अनदेखी - डॉ. भरत झुनझुनवाला
राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि पर्यावरण और विकास को साथ-साथ चलाया जा सकता है। बात सही है। आइए देखें कि सरकार इन दोनों उद्देश्यों को किस प्रकार एक साथ हासिल कर रही है। देश के पर्यावरण कानूनों की समीक्षा करने को मोदी सरकार ने पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय कमेटी गठित की थी। कमेटी में पर्यावरण से...
More »पानी में पैसा: 537 करोड़ की योजना, 100 करोड़ खर्च, नतीजा 0
टना: गरमी में पेय जल संकट से शहरवासियों को निजात दिलाने के लिए 2010 में 420 करोड़ रुपये की जलापूर्ति योजना बनी. योजना पूरी नहीं हुई. 2012 में योजना लागत बढ़ कर 537 करोड़ हो गयी. तीन वर्ष बाद भी स्थिति वैसी ही है. शहरवासी फिर इस बार गरमी में जल संकट से जूङोंगे. वजह निगम क्षेत्र की 14 बोरिंग ठप है और नयी जलापूर्ति योजना अधर में है. निगम...
More »बिहार को नये फॉर्मूले से भारी घाटा : नीतीश
पटना: 14वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि इनसे बिहार को फायदा नहीं, बल्कि भारी घाटा होगा. 14वें वित्त आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 32 फीसदी से बढ़ा कर 42 फीसदी तो कर दी है, जो राज्यों के हित में है. लेकिन, बैकवर्ड रिजन ग्रांट फंड (बीआरजीएफ) और केंद्रीय प्रायोजित योजना (सेंट्रल स्पांर्स्ड स्कीम) को खत्म कर दिया जायेगा. इसे...
More »लूट का अध्यादेश- के सी त्यागी
बाईस दिसंबर को संसद का सत्र समाप्त होने के तुरंत बाद सरकार द्वारा जारी अध्यादेश से जहां बिल्डर समुदाय और कॉरपोरेट घराने गदगद हैं वहीं दूसरी ओर किसान फिर पुरानी शंकाओं से भयभीत हैं। वित्तमंत्री अरुण जेटली कुशल अधिवक्ता हैं, वे अपनी सरकार द्वारा किए गए इन बदलावों को बड़ी चतुराई से शब्दों का ताना-बाना बुन कर किसानों के हित में बताने का विफल प्रयास कर रहे हैं। पर शायद...
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