नई दिल्ली [प्रदीप कुमार मील]। एक अनुमान के मुताबिक विश्व के कुल काम के घटों में से महिलाएं दो तिहाई घटे काम करती हैं, लेकिन वह केवल 10 फीसदी आय ही अर्जित करती हैं और विश्व की केवल एक फीसदी संपत्ति की ही मालकिन हैं। भारतीय संदर्भ में महिला श्रम या श्रम में महिलाओं की भागीदारी पर बात करते समय पिछले कुछ वर्षो में तीन विषेष तथ्य सामनें आतें...
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राहत औऱ पुनर्वास के लिए GoM पुनर्गठित
नई दिल्ली. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 15 हजार लोगों को मौत की नींद सुला देने वाली भीषण गैस त्नासदी के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की समीक्षा करने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्नी पी. चिदम्बरम की अध्यक्षता में मंत्नियों के एक समूह का आज गठन किया गया। 25 वर्ष पूर्व हुई इस गैस रिसाव घटना के समय गठित मंत्नी समूह के अध्यक्ष मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्नी अर्जुन सिंह थे। मंत्नियों का यह समूह एक गैस त्रासदी से पीड़ित परिवार...
More »मातृत्व पर गहराता संकट
नई दिल्ली [अरविंद जयतिलक]। बेशक देश में महिलाएं सफलता का इतिहास रच रही हैं। अपने बुलंद हौसले से उन कार्यो को भी अंजाम तक पहुंचा रही हैं, जो सदियों से उनके लिए असंभव बताया जाता रहा है। बात चाहे देश में सरकार को नेतृत्व देने का हो अथवा सेवा क्षेत्र में मिसाल कायम करने की, आज वह हर कहीं पुरुषों से कंधा मिला रही हैं, लेकिन इन सबके बावजूद दुखद स्थिति यह है कि बुनियादी स्वास्थ्य...
More »एच1 एन1 का पहला स्वदेशी टीका तैयार
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बृहस्पतिवार को घातक एच1 एन1 [स्वाइन फ्लू] का पहला स्वदेशी टीका [वैक्सीफ्लू-एस] जारी किया और कहा कि शुक्रवार से यह टीका बाजार में उपलब्ध हो जाएगा और इसकी कीमत केवल 350 प्रति खुराक होगी। आजाद ने कहा कि आजादी के बाद यह इंफ्लूएंजा का यह पहला स्वदेशी टीका है और यह कल से बाजार में उपलब्ध हो जाएगा। अभी तक इंफ्लूएंजा का...
More »रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज
नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...
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