नौकरियों के सृजन की चुनौती पूरी दुनिया में राजनीति के केंद्र में है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। हालांकि, भारत में इस समस्या के पैमाने को आंकना कोई आसान काम नहीं है। हाल ही में जारी साल 2011-12 के नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) के आंकड़े बताते हैं कि देश की कुल श्रम-शक्ति के बरक्स बेरोजगारी दर महज 2.2 फीसदी थी, जो काफी मामूली है। इस लिहाज से अन्य...
More »SEARCH RESULT
हमारी धरती दिनो-दिन होती जा रही है बीमार-- डा. मेहता नागेन्द्र सिंह
हमारी धरती खुद बीमार चल रही है. यह बीमारी हर दिन गहराती जा रही है. इसकी कई वजहें हैं. ओजोन परत में छेद, आम्लिक वर्षा और आपदाएं भी घी में आग जैसा काम करती हैं. इन सभी कारणों के मूल में सबसे भयावह वैचारिक प्रदूषण है जो आदमी और धरती, खासकर प्रकृति व पर्यावरण के बीच स्थापित संबंधों में विकृति व कटुता पैदा करने में पीछे नहीं है. वस्तुत:...
More »जनवरी-मार्च तिमाही में GDP ग्रोथ 6.1 फीसदी रही, 6 कोर सेक्टर में भी आई गिरावट
देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 2016-17 में घटकर 7.1 प्रतिशत पर आ गई है। कृषि क्षेत्र के काफी अच्छे प्रदर्शन के बावजूद वृद्धि दर नीचे आई है। सरकार ने 500 और 1,000 के बड़े मूल्य के पहले से चल रहे नोटों को आठ नवंबर को बंद करने की घोषणा की थी। इस नोट बदलने के काम में 87 प्रतिशत नकद नोट चलन से बाहर हो गए...
More »मिल्क डे पर विशेषः कहीं आप दूध के रूप में जहर तो नहीं पी रहे?
आज वर्ल्ड मिल्क डे है. दुनिया के कई देशों में यह दिवस मनाया जा रहा है. दरअसल, दूध को पूर्ण आहार माना गया है. दूध में हर वो तत्व पाया जाता है, जिसकी इनसान को जरूरत होती है. इसलिए संयुक्त राष्ट्र की संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर आॅर्गेनाइजेशन ने भी इसके महत्व को समझा और 1 जून, 2001 को विश्व दुग्ध दिवस (वर्ल्ड मिल्क डे) के रूप में मनाने की घोषणा...
More »बढ़ती महामारियों के दौर में-- डा. ए के अरुण
विगत कुछ वर्षों से विवादास्पद व खतरनाक किस्म के वायरस से होनेवाली बीमारियों के महामारी बनने की चर्चा ज्यादा हो रही है. कहा जा रहा है कि विगत 30 वर्षों में 30 से ज्यादा नये-पुराने वायरस घातक बन कर मानव दुनिया के लिए खतरा बन चुके हैं. इन दिनों ‘जीका' वायरस चर्चा में है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैसे तो इस वायरस को लेकर इमरजेंसी एलर्ट जारी किया था,...
More »