SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 11629

प्राथमिक शिक्षा की दुश्वारियां-- सुधीर कुमार

एनुअल स्टेटस आॅफ एजुकेशन रिपोर्ट (‘असर'), ग्रामीण भारत के स्कूलों में बच्चों के नामांकन और उनकी शैक्षणिक प्रगति पर किया जाने वाला देश का सबसे बड़ा वार्षिक सर्वेक्षण है। स्वयंसेवी संस्था ‘प्रथम' के सहयोग से जिला स्तर पर स्थानीय संस्थाओं से जुड़े कार्यकर्ताओं के जरिए इस बार देश के चौबीस राज्यों के अट्ठाईस जिलों में चौदह से अठारह वर्ष के किशोरों के बीच कराए गए सर्वेक्षण की बारहवीं रिपोर्ट से...

More »

प्राथमिक-माध्यमिक स्तर पर लड़कियों के दाखिले का अनुपात बढ़ा, बिहार में शिक्षकों की कमी

नयी दिल्ली/पटना : सरकारी स्कूलों में छात्र-कमरा अनुपात (एससीआर) तथा शिष्य-शिक्षक अनुपात (पीटीआर) में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. यह बात आर्थिक समीक्षा में कही गयी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में पेश 2017-18 की आर्थिक समीक्षा में यह भी कहा गया है कि प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर लड़कियों का दाखिला बढ़ने से स्त्री-पुरुष समानता सूचकांक (जीपीआइ) में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है. हालांकि, उच्च शिक्षा के स्तर...

More »

इकोनॉमिक सर्वे के क्या हैं बजट के लिए संकेत?

आर्थिक सर्वे में क्या ख़ास - --अगले साल देश की आर्थिक ग्रोथ 6.75 फ़ीसदी के मुक़ाबले 7 से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है. --जीएसटी वसूली से सरकार की आय में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले साल करीब 12 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली, जो कि अन्य टैक्स के मुकाबले काफ़ी बेहतर है. --भारत में ऐसा पहली बार हुआ जब पांच राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना का भारत के कुल...

More »

बजट : जीडीपी का एक फीसद से भी कम खर्च हुआ है कृषि और ग्रामीण विकास पर

खेती-किसानी और ग्रामीण विकास पर सरकार कितना खर्च करती है- क्या बजट से पहले यह सवाल आपको अहम जान पड़ता है ? सवाल का एक उत्तर मिल सकता है देश महत्वपूर्ण मंत्रालयों के वास्तविक खर्च के आंकड़ों से. अनुमान लगाइए कि बीते छह सालों में कृषि मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय का वास्तविक व्यय कितना रहा होगा ? इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज टीम का शरुआती आकलन है कि इन दोनों...

More »

आदिवासी बनाएंगे सियासी दल, चुनाव से पहले समाज में हो रहा सर्वे!

मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज एक नए राजनीतिक विकल्प की तलाश में निकल पड़ा है। विधानसभा चुनाव से दस महीने पहले सर्वआदिवासी समाज एक सर्वे कर रहा है, जिसमें यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या आदिवासी, पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों को एकजुट होकर गैर कांग्रेसी, गैर भाजपाई राजनीतिक पार्टी बनानी चाहिए। क्या आरक्षित वर्ग को नया राजनीतिक विकल्प तलाशना चाहिए? राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो पिछले तीन...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close