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बदलते पर्यावरण की विनाशलीला - सुनीता नारायण

जम्मू-कश्मीर 60 साल की सबसे भयानक बाढ़ के अभिशाप को झेल रहा है। छह लाख लोग फंसे हुए हैं और 200 से ज्यादा के मरने की खबर है। इसके साथ ही धीरे-धीरे अब सबका ध्यान इस अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा के कारणों की तरफ जा रहा है। कहा जा रहा है कि बाढ़ के पानी ने अचानक ही इस राज्य को अपनी गिरफ्त में ले लिया। लेकिन यह कैसे हुआ? हर...

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किसके पास हो नियुक्ति का अधिकार- सुधांशु रंजन

उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति को लेकर चल रहा विवाद निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है. न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए 1993 से चल रही वर्तमान कोलेजियम व्यवस्था को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने 11 अगस्त को लोकसभा में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक पेश किया. इसमें 6 सदस्यों के एक आयोग के गठन का प्रस्ताव है, जो न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए नामों की अनुशंसा...

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रमन सरकार की खाद्य सुरक्षा गारंटी को कांग्रेस की चुनौती

रायपुर। राशन कार्ड निरस्तीकरण मामले में सरकार को घेरने वाली कांग्रेस ने एक बार फिर पलटवार किया है। पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार ने विधानसभा में चुनावी लाभ लेने के लिए असंवैधानिक कार्य किया है और इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित मंत्रिमंडल , मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और कलेक्टर जिम्मेदार हैं। श्री बघेल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2012...

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कब तक खुले रहेंगे मौत के फाटक? -अनूप कृष्‍ण झींगरन

भारतीय रेलवे विश्व के विशालतम रेलवे तंत्रों में से एक है। इतने विस्तृत तंत्र पर आए दिन रेल दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। हालांकि आंकड़ों के अनुसार यात्रियों की संख्या, तंत्र के विस्तार तथा रेल यातायात को देखते हुए भारतीय रेल एक अपेक्षाकृत सुरक्षित तंत्र है, जहां पर हताहतों की संख्या की दर 0.01 यात्री प्रति दस लाख किलोमीटर है। परंतु एक भी बड़ी दुर्घटना होने पर दक्षता के सारे...

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शक्ति की करो तुम मौलिक कल्पना- रमेशचंद्र शाह

जनसत्ता 14 जुलाई, 2014 : भीतर और बाहर के सूने सपाट में अकस्मात यह कैसी तरंग उठी और उठ कर फैलती ही गई! महज एक काव्य-पंक्ति, सबकी जानी-मानी एक सुविख्यात कवि की क्यों इस तरह अयाचित और अकस्मात मन में कौंध उठी कि मुझे लगने लगा- मुझे जो कुछ कहना था वह मैंने कह दिया और कहने के साथ ही कर भी दिया। कुछ इस तरह कि मानो जो कुछ भीतर...

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