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आर्थिक संकट की गहराई- अरुण कुमार

आर्थिक मोर्चे पर हमारा देश इस समय बाहरी और घरेलू, दोनों तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है। अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों में अमेरिका-चीन, अमेरिका-यूरो जोन और अमेरिका-मेक्सिको के बीच जारी ‘ट्रेड वार' (कारोबारी जंग) महत्वपूर्ण तो हैं ही, भारत पर सीमा शुल्क लगाने संबंधी अमेरिकी चेतावनी भी खासा महत्व रखती है। अमेरिका ने ईरान, वेनेजुएला, रूस जैसे तेल-उत्पादक देशों पर भी प्रतिबंध लगा दिए हैं, जबकि इराक, सीरिया, यमन, लीबिया, नाइजीरिया,...

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सीवीसी को 123 भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मंज़ूरी का इंतज़ार

नई दिल्ली: केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को 123 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई के लिए विभिन्न संगठनों की मंजूरी का इंतजार है. चार महीने से अधिक समय से सीवीसी इन अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों की मंजूरी का इंतजार कर रहा है. इसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवा अधिकारी, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग के अधिकारी शामिल हैं. इन आरोपियों...

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केंद्रीय सूचना आयोग ने रिज़र्व बैंक से बड़े क़र्ज़ डिफाल्टरों के नाम का खुलासा करने को कहा

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लौटाने में असफल बड़े कर्जदारों के नाम का खुलासा करने को कहा है. सीआईसी ने केंद्रीय बैंक को निर्देश दिया है कि उन कर्जदारों के नामों का वह खुलासा करे जिनके फंसे कर्ज खातों को उसने बैंकों के पास समाधान के लिए भेजा है. लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की अपील पर सीआईसी ने यह निर्देश दिया है....

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वित्तमंत्रालय ने नई सरकार के लिए 100 दिन का अजेंडा तैयार किया

नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने नई सरकार के लिए 100 दिन का एजेंडा तैयार कर लिया है। इकोनॉमी की रफ्तार बढ़ाने के तहत यह एजेंडा तैयार किया गया है। 2018-19 की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ फिसलकर 6.6% पर आ गई। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि निजी निवेश, रोजगार बढ़ाना और फार्म सेक्टर को राहत पहुंचाना भी सरकार का प्रमुख एजेंडा होगा। इनके साथ ही...

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जाति के समीकरण का टूटना- मनीषा प्रियम

गुरुवार को आए चुनावी नतीजे भारतीय लोकतंत्र के लिए काफी अहम हैं। नरेंद्र मोदी, भाजपा और उनका राष्ट्रवाद अब केंद्र में एकछत्र शासन कर सकने की स्थिति में हैं। कांग्रेसवाद और क्षेत्रवाद, दोनों का एक साथ पतन हुआ है। बेशक कभी इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के लिए कहा जाता था कि वह ‘टीना' फैक्टर यानी ‘देअर इज नो अल्टरनेटिव टु इंदिरा गांधी' के कारण बार-बार जीतकर आती है,...

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