पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने वाशिंगटन में जो बयान दिया, उसे भारत में कई लोग नहीं पचा पाए। पहली नजर में यह बयान कुछ अनावश्यक-सा दिखता है। खासकर तब, जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष साल 2016-17 के वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान विश्व में सबसे ज्यादा 7.5 बता रहा हो और कई जगह भारत को चमकता सितारा माना जा रहा हो। ऐसे...
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कन्हैया नहीं, जॉब की कमी खतरा-- गुरुचरण दास
भारतीय राजनीतिक जीवन अजीब और विडंबनाअों से भरा है। छात्र नेता कन्हैया कुमार को राजद्रोह और राष्ट्र-विरोधी आचरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी ने उन्हें हीरो बना दिया। इसे असहमति व्यक्त करने की स्वतंत्रता का प्रतीक माना गया। गृह मंत्री ने गिरफ्तारी का यह गलत तर्क देकर बचाव किया कि असाधारण लोकतांत्रिक देश अमेरिका भी राष्ट्र विरोध को सहन नहीं करता। गिरफ्तारी पर लगातार विरोध ने मीडिया का...
More »फास्ट फूड पर नियंत्रण कीजिए-- भरत झुनझुनवाला
उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने सुझाव दिया है कि सिगरेट की तरह पिज्जा आदि फास्ट फूड पर भी स्वास्थ के लिए हानिकारक होने की चेतावनी दी जानी चाहिए. इस सुझाव पर गौर किया जाना चाहिए. दक्षिण अमेरिकी देश चिली और इक्वाडोर में ऐसे नियम पहले ही लागू किये जा चुके हैं. इन देशों द्वारा उपभोक्ताओं को चेतावनी दी जाती है कि फास्ट फूड में चीनी, नमक और...
More »एडीबी ने भारत के लिए विकास दर का अनुमान घटाया
दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की विकास दर 7.4 प्रतिशत रहने का अंदाजा लगाया है। इससे पहले भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। एडीबी ने बुधवार को कहा कि भारत की विकास दर पर वैश्विक चुनौतियों का असर होगा। बावजूद इसके अपेक्षाकृत अधिक सुधारों की बदौलत भारत को दुनिया की सबसे तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी।...
More »कितने बदल रहे हैं हमारे गांव-- आर विक्रम सिंह
समस्याएं चिह्नित करना एक बात है, समाधान के रास्ते खोजना दूसरी बात। हमारे गांवों में अशिक्षा है, बेरोजगारी है, बीमारियां हैं, जमीनों के विवाद, मुकदमे हैं। जात-पांत की सामाजिक समस्याएं बरकरार हैं। हां, शोषण का वह रंग अब नहीं है, जो प्रेमचंद के उपन्यासों में मुखर होता है। कथित उच्च वर्ग में श्रम से अरुचि, दलित वर्ग में शिक्षा से अरुचि भी वहीं की वहीं है। नगरों की ओर पलायन...
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