नई दिल्ली। करीब एक दशक बाद सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की नीति को फिर से सक्रिय किया जा रहा है। मुनाफा अर्जित करने वाले सार्वजनिक उपक्रमों समेत सभी पीएसयू की रणनीतिक बिक्री को लेकर सरकार जल्द एक व्यापक नीति लेकर आ सकती है। इस संबंध में बजट में भी एलान हो सकता है। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के वक्त 1999 से 2004 के दौरान कई सार्वजनिक...
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सरकारी बैंकों में बढ़ेगी एफडीआई सीमा
नई दिल्ली। आम बजट बैंकिंग सुधार के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर न्यूनतम 51 फीसद करने की घोषणा केंद्र सरकार पहले ही कर चुकी है। वह बैंकों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई ) की सीमा भी बढ़ाने पर विचार कर रही है। अभी बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा 20 फीसद है। इसे बढ़ाकर 49 फीसद तक किया जा सकता...
More »अर्थव्यवस्था की कमजोर कड़ी बने सरकारी बैंक
नई दिल्ली। केंद्र सरकार भले ही यह दावा कर रही हो कि भारत अभी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है और आंकड़ों में यह दावा सही भी है। लेकिन सरकारी बैंकों की माली हालत देख कर ऐसा नहीं लगता। जानकारों का कहना है कि सरकारी बैंक देश की अर्थव्यवस्था की सबसे कमजोर कड़ी बन चुके हैं। दिसंबर, 2015 को समाप्त तिमाही में देश के 11 प्रमुख सरकारी बैंक...
More »एसईजेड को नई ऊर्जा दे सकता है आम बजट
नई दिल्ली। ग्लोबल मंदी से निर्यात में गिरावट और रोजगार सृजन की धीमी रफ्तार को देखते हुए सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में नई जान फूंकने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार तटीय क्षेत्रों में बड़े आर्थिक क्षेत्रों को बढ़ावा देने को आम बजट में कुछ प्रोत्साहनों की घोषणा कर सकती है। हालांकि, एसईजेड को ये प्रोत्साहन तभी मिलेंगे जब वे वांछित स्तर पर रोजगार सृजन...
More »नीति आयोग : एक साल का सफर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को अपने पहले स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कहा था कि वे योजना आयोग की जगह नयी संस्था बनाना चाहते हैं. इस घोषणा के अनुरूप, 1 जनवरी, 2015 को उन्होंने नीति आयोग बनाने की घोषणा की. इस नयी संस्था से देश को काफी अपेक्षाएं हैं. इसे जहां व्यापार, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा तथा कौशल विकास जैसे मसलों पर ज्ञान के सृजन और...
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